लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनने पर अपने सारे मंत्रियों से 15 दिनों में चल अचल संपत्ति व मौजूदा आमदनी का ब्यौरा मांग था, लेकिन ज्यादातर मंत्री इससे बेपरवाह रहे। इससे खफा सीएम ने उनको दुबारा पत्र लिख कर तीन दिन में ब्यौरा मांगा है।

मुख्यमंत्री के इस कदम से मंत्रियों में हड़कंप है। संपत्ति का ब्यौरा तैयार करने में मंत्रियों को मुश्किलें भी आ रही हैं। उन्हें हाल ही में विधानसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे व अब इन्कम टैक्स रिटर्न में आंकड़े एक जैसे रखने हैं।

सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने एक गाइडलाइंस भेजी है। यह पत्र अभी कई मंत्रियों को मिला भी नहीं है। मंत्रियों को यह भी बताना है कि मंत्री बनने से पहले उनका कौन से व्यवसाय है, उससे कितनी आमदनी है।

इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कॉमन सिविल कोड की वकालत करते हुए कहा कि तीन तलाक के सवाल पर मौन रहने वाले दल इस समस्या के लिए भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि समाज और देश के हित में यह जरूरी है कि सभी के लिए कानून बराबर हो। मुख्यमंत्री ने यह बात सोमवार को लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती के मौके कही।