मुख्यमंत्री ने वाराणसी में संचालित विकास परियोजनाओं की समीक्षा की
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद वाराणसी में संचालित विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। काशी को दुनिया की प्राचीनतम, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक नगरी बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां संचालित विकास परियोजनाओं का नगर विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना 15 अप्रैल, 2017 को मौके पर निरीक्षण करेंगे। आवश्यकतानुसार वे (मुख्यमंत्री) स्वयं मई, 2017 में वाराणसी का भ्रमण करेंगे। उन्होंने कहा कि वाराणसी और इसके आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए भारत सरकार ने जिस पैमाने पर धनराशि उपलब्ध करायी है, उस हिसाब से यहां के कार्य दिखायी नहीं पड़ रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि अगले तीन माह में विकास परियोजनाओं का काम जमीन पर दिखायी पड़ना चाहिए।
मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में वाराणसी से सम्बन्धित नगर विकास, ऊर्जा, पर्यटन, लोक निर्माण, आवास एवं शहरी नियोजन, सिंचाई विभाग, वाराणसी विकास प्राधिकरण तथा एन0एच0ए0आई0 से सम्बन्धित परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन0एच0ए0आई0) की परियोजनाओं के समक्ष आ रही कठिनाइयों पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए स्थानीय प्रशासन को पूरा सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। जिन 08 जनपदों में एन0एच0ए0आई0 द्वारा वाराणसी को जोड़ते हुए सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है, वहां किसानों को भूमि का भुगतान करने में विलम्ब को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से नोडल अधिकारी नामित करते हुए 15 दिनों में किसानों को उनका मुआवजा वितरित कराने के सख्त निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार मण्डलायुक्त वाराणसी को जनपद गाजीपुर, वाराणसी एवं जौनपुर के जिलाधिकारियों के माध्यम से भूमि का मुआवजा कैंप लगाकर वितरित कराने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि वाराणसी से गोरखपुर, वाराणसी से लखनऊ एवं वाराणसी रिंग रोड आदि सड़कों का निर्माण एन0एच0ए0आई0 द्वारा कराया जा रहा है, जिसमें स्थानीय स्तर पर प्राधिकरण के समक्ष किसानों का मुआवजा वितरित न करने तथा वाराणसी रिंग रोड के कार्य में बाधा डालने की कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने इसे गम्भीरता से लेते हुए कहा कि एन0एच0ए0आई0 द्वारा बनायी जा रही सड़कों का लाभ प्रदेश को मिलने जा रहा है। इसलिए सभी सम्बन्धित जिलाधिकारी इस मामले में प्राधिकरण को हर सम्भव सहयोग प्रदान कर उनकी समस्याओं का निराकरण युद्ध स्तर पर कराएं।
मुख्यमंत्री ने वाराणसी रिंग रोड के निर्माण में बाधा उत्पन्न करने वालों से वार्ता कर समस्या सुलझाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, यह भी हिदायत दी है कि यदि कोई इन परियोजनाओं को अनावश्यक विलम्बित करने का कारण बन रहा है तो उसके साथ कठोरता से पेश आएं। उन्होंने एन0एच0ए0आई0 के अधिकारियों को आश्वस्त किया है कि प्रदेश में संचालित परियोजनाओं को समय से पूरा कराएं और यदि उनके समक्ष कोई समस्या आ रही हो तो सम्बन्धित मण्डलायुक्तों/जिलाधिकारियों को अवगत कराएं। उन्होंने वाराणसी नगर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए निर्माणाधीन दोनों सेतुओं का कार्य 30 जून, 2017 तक पूरा कराने का निर्देश देते हुए उत्तर प्रदेश सेतु निगम को निर्देशित किया कि आवश्यकतानुसार कार्य बल की संख्या बढ़ायी जाए।
श्री योगी ने अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि वे स्वयं वाराणसी जाकर लोक निर्माण विभाग एवं सेतु निगम से सम्बन्धित परियोजनाओं का मौके पर निरीक्षण करें और उन पर आ रही कठिनाइयों को दूर कराएं। उन्होंने मडुआडीह में निर्माणाधीन आर0ओ0बी0 को पूरा कराने के लिए लोक निर्माण विभाग को वहां से सीवर लाइन हटाने के लिए तत्काल 90 लाख रुपए अवमुक्त करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, मण्डलायुक्त को रेलवे के अधिकारियों से बात कर 30 जून तक आर0ओ0बी0 का काम पूरा कराने के लिए कहा है। इसी प्रकार चैका घाट से लहरतारा को जोड़ने के लिए निर्माणाधीन 1710 मीटर फ्लाईओवर का काम मार्च, 2018 तक पूरा करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सेतु निगम द्वारा इस परियोजना को अनावश्यक विलम्बित किया गया है। अब इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
श्री योगी ने वाराणसी नगर की यातायात व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने के लिए शिवपुर-लहरतारा (फुलवरिया) करीब साढ़े पांच कि0मी0 04 लेन सड़क बनाने तथा वरुणा नदी के कुनिया घाट पर पुल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। इसके साथ ही, लोक निर्माण विभाग की सभी सड़कों पर डिवाइडर बनाने तथा उन पर सर्फेसिंग लेयर की 88 करोड़ रुपए की परियोजना को भी मंजूरी प्रदान कर दी। इससे नगर की सड़कें अच्छी एवं धूल रहित बन सकेंगी। विभिन्न संस्थाओं द्वारा समय-समय पर नगरों की सड़कों को खोद कर उनको इसी प्रकार छोड़ देने की प्रवृत्ति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर की हर सड़कों पर कवर्ड नाली की ऐसी व्यवस्था की जाए कि संस्थाओं द्वारा सड़कों को खोदने के बजाय एक निश्चित किराया नगर निगमों को देकर निर्मित नाली में अपने पाइप या तार डालकर काम आगे बढ़ा सकें। इससे आए दिन सड़कों को हो रही क्षति को रोका जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने वाराणसी की सकरी एवं भीड़ भरी गलियों को देखते हुए यहां पर्याप्त मल्टी लेवल पार्किंग बनाने के निर्देश दिए हैं। प्रथम चरण मे एक पार्किंग नगर निगम द्वारा तथा दूसरा पी0डब्ल्यू0डी0 द्वारा निर्मित की जाएगी। इसके साथ ही, पी0पी0पी0 माॅडल पर पार्किंग बनाने के लिए मण्डलायुक्त को अधिकृत किया गया है। उन्होंने 59 कि0मी0 लम्बे पंचकोसी मार्ग पर विशेष ध्यान देने का निर्देश देते हुए कहा कि 02 लेन की सड़क पगडंडी सहित बनाने के लिए 15 दिनों में लोक निर्माण विभाग डी0पी0आर0 तैयार कराए। इस पंचकोसी मार्ग पर जगह-जगह बैठने तथा प्रसाधन की व्यवस्था भी प्रस्तावित करने के लिए कहा गया है। वर्षों से लम्बित ट्रांसपोर्ट नगर की अधूरी परियोजना को पूरा कराने के लिए उन्होंने डी0पी0आर0 तैयार कराने का निर्देश दिया है। इस परियोजना को पूरा करने के लिए भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय की मदद ली जाएगी।
वाराणसी में रेलवे टैªक के आसपास खुले में शौच की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए श्री योगी ने मण्डलायुक्त को निर्देशित किया कि कुछ ऐसे मल्टी स्टोरी भवन तैयार कराने के प्रस्ताव पर विचार किया जाए, जिसमें रेलवे टैªक के पास झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को इन भवनों में बसाया जाए। इसी प्रकार वाराणसी जनपद को 02 अक्टूबर, 2017 तक खुले में शौच से मुक्त करने की परियोजना पर गम्भीरता से काम करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत संचालित परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्माणाधीन गोइठहां एवं दीनापुर परियोजनाओं के साथ-साथ रमना परियोजना को भी शीघ्र पूरा कराने का निर्देश दिया। ज्ञातव्य है कि इन तीनों परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर वाराणसी में 411 एम0एल0डी0 क्षमता की एस0टी0पी0 काम करने लगेंगी, जो वर्ष 2035 तक की जरूरतों को पूरा कर सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने वाराणसी नगर में पेयजल आपूर्ति की समस्या को गम्भीरता से लेते हुए जे0एन0एन0यू0आर0एम0 के तहत जल निगम द्वारा कराए गए कार्यों की जांच टी0ए0सी0 द्वारा कराने के निर्देश दिए हैं। बैठक में मण्डलायुक्त ने अवगत कराया कि जल निगम द्वारा योजना के तहत 23 ओवरहेड टैंक बनाए गए। इनको जोड़ने के लिए फीडर लाइन का ठीक से निर्माण किए बिना ब्रांचेज़ लाइन तैयार कर दी गई। करीब 500 करोड़ रुपए खर्च कर देने के बावजूद विभाग की इस योजना का लाभ वाराणसी नगर को नहीं मिल पा रहा है। इस पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग को टी0ए0सी0 द्वारा जांच कराने का निर्देश दिया गया।
नगर की साफ-सफाई व्यवस्था की जानकारी प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने मण्डलायुक्त को निर्देशित किया कि लखनऊ में नगर निगम द्वारा स्थापित किए गए कान्हा उपवन की तरह वाराणसी में भी गौशाला की व्यवस्था की जाए, जिसमें नगर के छुट्टा जानवरों के साथ-साथ अन्य प्रकार के गोवंश को रखने की सहूलियत मिल सके। वाराणसी नगर में विद्युत तारों की अण्डरग्राउण्ड केबलिंग परियोजना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए उन्होंने इस कार्य को तेज करके सितम्बर, 2017 तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने पर्यटन विभाग द्वारा संचालित परियोजनाओं को तेजी से पूरा कराने का निर्देश देते हुए कहा कि इन सभी परियोजनाओं से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। इसलिए इन्हें गुणवत्ता के साथ समय से पूरा कराया जाए। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास भव्य एवं खुला माहौल प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के भी निर्देश दिए।