लखनऊ
आज भारत के 26 प्रदेशों में सक्रियता से काम कर रही सामाजिक संस्था डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच की एक बैठक संस्था लखनऊ मुख्यालय पर हुई। इसमें अधिकांश वक्ताओं ने केन्द्रीय गृहमंत्री के बयान पर हैरानी जताई। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष भवन नाथ पासवान ने कहा कि राज्यसभा में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का संविधान पर चर्चा के दौरान बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर दिये गए बयान से ये साफ़ है कि मनुवादी मानसिकता से ग्रसित लोग दलितों को संविधान प्रदत्त समानता व सम्मान का अधिकार नहीं देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अब सामाजिक न्याय की लड़ाई दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के साथ सभी बहुजनों को एकजुट होकर लड़नी होगी तभी मनुवादियों के दूषित प्रयासों को रोका जा सकेगा।

मंच के अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा ये कहा जाना कि अम्बेडकर, अम्बेडकर कहने की जगह ईश्वर का नाम लो तो सात जन्मों के बराबर स्वर्ग मिलेगा। उनके द्वारा बाबा साहब का नाम लेते हुए स्वर्ग और ईश्वर के साथ तुलना करना उनकी अपनी मूल विचारधारा को दर्शाता है। बाबा साहब ने लिखा है कि हमें सिर्फ राजनीतिक लोकतंत्र से ही संतुष्ट नहीं हो जाना चाहिए, हमें अपने राजनीतिक लोकतंत्र को सामाजिक लोकतंत्र भी बनाना है, राजनीतिक लोकतंत्र तबतक नहीं टिक सकता जबतक सामाजिक लोकतंत्र न हो। देश में सामाजिक लोकतंत्र स्थापित करने के लिए बहुजन समाज से निकले नेताओं ने जो सियासी पार्टियाँ बनायीं हैं, उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे समाज हित में सरकार में बैठे लोगों को सही बात बताएं, तभी मनुवादी मानसिकता से ग्रसित नेता हमारे महापुरुषों पर इस तरह की अनर्गल टिप्पणी करने से खुद को दूर रखेंगे।