कांग्रेस के नेतृत्व में संविधान की रक्षा करेगा देश: शाहनवाज़ आलम
आरएसएस शुरू से ही संविधान और बाबा साहब अंबेडकर के विचारों का विरोधी रहा है। उसकी मंशा देश पर मनुस्मृति थोपना है। सिर्फ़ कांग्रेस ही संविधान की रक्षा कर सकती है। ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 175 वीं कड़ी में कहीं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि बाबा साहब द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान की प्रति राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जी को सौंपे जाने के 4 दिन बाद 30 नवंबर को ही आरएसएस ने अपने मुखपत्र ऑर्गनाइजर के माध्यम से संविधान को नहीं मानने की बात कह दी थी। आरएसएस मनुस्मृति को संविधान के बतौर लागू करना चाहता था। आरएसएस और हिंदू महासभा ने तब नेहरू और डॉ अंबेडकर का पुतला भी फूँका था।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी आरक्षण को खत्म करने के लिए जस्टिस वेंकट चलैय्या के नेतृत्व में संविधान की समीक्षा कराने की कोशिश की थी। वहीं तत्कालीन संघ नेता के एस सुदर्शन ने सार्वजनिक तौर पर संविधान को देश की हर समस्या की जड़ बताया था।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मोदी सरकार संविधान और बाबा साहब के समतावादी विचारों से नफ़रत करता है। इसी नफ़रत का प्रदर्शन संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों किया था।
उन्होंने कहा कि मल्लीकार्जुन खर्गे, राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी के नेतृत्व में देश संविधान की रक्षा के लिए संसद से सड़क तक संघर्ष कर रहा है और इस संघर्ष में जीत देश की होगी।