लखनऊ
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि योगी सरकार द्वारा एनकाउंटर से पहले शूटआउट साइट का विडियोग्राफी कराने का गाइडलाइन देना साबित कर देता है कि प्रदेश में एनकाउंटर के नाम पर फ़र्ज़ी तरीके से लोगों को मारा जा रहा है।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि एनकाउंटर का मतलब यही होता है कि अपराधी अचानक घात लगाकर पुलिस पर हमला कर दे और बचाव में पुलिस उनपर जवाबी कार्यवाई करे। इस प्रकिया में अक्सर अपराधी और पुलिस दोनों घायल हो जाते हैं या मारे जाते हैं। अब सवाल है कि ऐसी स्थिति में पुलिस पहले से किसी शूट आउट साइट की वीडियोग्राफी कैसे करा सकती है ? अगर पुलिस ऐसा करती है तो इसका सीधा मतलब यही होगा कि योगी सरकार में पुलिस एनकाउंटर में मारने या घायल करने वाले व्यक्ति को पहले से पकड़ कर रखती है और सुनसान जगह पर ले जाकर उन्हें फर्जी एनकाउंटर में मार देती है। यह पुलिस को अपराधी गिरोह में बदल देगा जो सरकार की मंशा के अनुरूप अच्छे लोकेशन और कैमरे के साथ लोगों की हत्यायें करेगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि योगी सरकार के फर्जी एनकाउंटर कराने की आत्मस्वीकृति के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट को स्वतः संज्ञान लेते हुए इस सरकार के कार्यकाल में हुए कथित मुठभेड़ों की न्यायिक जांच के लिए आयोग गठित करना चाहिए।