लखनऊ
कर्बला नसीरुद्दीन हैदर डालीगंज लखनऊ में शिया कॉलेज शिक्षक संघ (शियाक्टा) की जानिब से हिज़बुल्लाह के चीफ सैय्यद हसन नसरुल्लाह साहब की मजलिसे इसाले सवाब मुनक़्किद हुई इस मजलिस को ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास साहब ने ख़िताब किया मौलाना ने अपनी तक़रीर में कहा कि शीयत का आतंकवाद से कभी कोई ताल्लुक़ नहीं रहा बल्कि शियों को हमेशा आतंकवाद ने अपना निशाना बनाया है.

शहीद हसन नसरुल्लाह जिनको हमारे हिंदुस्तान की मीडिया अपने चैनलों पर आतंकवादी बता रही है वह इंसानियत और मज़लूमों की हिफ़ाज़त करने में शहीद हुए हैं उनका आतंकवाद से कोई ताल्लुक़ नहीं था बल्कि उन्होंने हज़ारों मासूम बेगुनाहों को क़त्ल करने वाले आईएसआईएस जैसे भयंकर आतंकी संगठन को इराक़ से पूरी तरह ख़त्म करके हज़ारों बेगुनाहों की जान की हिफ़ाज़त की. मौलाना ने कहा कि भारत पर भी ईरान और शहीद हसन नसरुल्लाह का बड़ा एहसान है जिन्होंने ईरान के शहीद जनरल क़ासिम सुलेमानी के कहने पर हिज़बुल्लाह की मदद से इराक़ में फसीं 46 इंडियन नर्सों को आतंकी संगठन आईएसआईएस के क़ब्ज़े से बचाकर सही सलामत भारत के हवाले किया था. मौलाना ने कहा की शहादत हमारे इमामों की मीरास है जो आज तक उनके चाहने वाले हक़ की राह में पेश कर रहे हैं।

इस मजलिस में कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर शबीहे रज़ा बाक़री, मौलाना अनवर हुसैन रिज़वी, डॉ० इशरत हुसैन आबिदी, शियाक्टा अध्यक्ष प्रोफेसर सरताज शब्बर रिज़वी, सचिव आग़ा परवेज़ मसीह, प्रोफेसर मेहंदी अब्बास, डॉ० सादिक़ हसन आबिदी, समेत बड़ी तादाद में अध्यापक व मोमिनीन मौजूद रहे।