लखनऊ
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव और अल्पसंख्यक कांग्रेस के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने यूपी से युद्धग्रस्त इजराइल भेजे गए मजदूरों को तत्काल वापस लाने की व्यवस्था करने की मांग की है.

कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि पूरी दुनिया के किसी भी विकासशील देश ने अपने नागरिकों को युद्धग्रस्त इजराइल में मजदूरी करने नहीं भेजा है. सिर्फ़ भारत और उसमें भी भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और हरियाणा ने अपने बेरोज़गार युवाओं को इजराइल भेज कर उनकी जान को खतरे में डाला है. अब सरकार की ज़िम्मेदारी है कि इजराइल में फंसे भारतीय मजदूरों को वहाँ से सुरक्षित निकालने की व्यवस्था करे.

उन्होंने कहा कि इससे पहले हुए युद्ध के समय भारत सरकार ने अमीर भारतीयों को इजराइल से विशेष विमान से निकाल लिया था लेकिन गरीब घरों के बेटों को सरकार ने अपने हाल पर छोड़ दिया है.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि योगी सरकार में बढ़ती बेरोजगारी का ही परिणाम है कि प्रदेश के युवाओं को चन्द पैसों के लिए घर से दूर अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है. ऐसे में अगर प्रदेश के एक भी मजदूर की जान इजराइल में जाती है तो इसके लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ज़िम्मेदार होगी.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 20 जनवरी को ही अल्पसंख्यक कांग्रेस ने पूरे प्रदेश से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर प्रदेश के बेरोजगारों को युद्धग्रस्त इजराइल भेजे जाने का विरोध किया था. लेकिन सरकार ने इजराइल प्रेम के कारण कांग्रेस की बात नहीं मानी. गौरतलब है कि इजराइल ने भारत से मजदूरों की मांग करते समय स्पष्ट कर दिया था कि उसे मुस्लिम मजदूर नहीं चाहिए. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अगर हिंदुत्ववादी संगठनों को इजराइल से इतना ही प्रेम है तो उन्हें योगी आदित्यनाथ जी, अमित शाह के बेटे जय शाह, राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, अनुराग ठाकुर, हेमन्त विस्वाशर्मा, कंगना रनौत को इजराइल भेज देना चाहिए.