नई दिल्ली
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने बुल्डोजर ऐक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम ऑर्डर का स्वागत करते हुए कहा है कि भाजपा सरकारों को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. कोर्ट ने अपने ऑर्डर में कहा है कि बिना उसकी इजाज़त के देश में कहीं पर भी लोगों के घरों पर बुल्डोजर नहीं चलाया जा सकता.

शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज दो बातें स्पष्ट कर दीं हैं. पहला, अगर कोई भी घर अवैध तरीके से गिराया जाता है तो वह संविधान की भावना के विरुद्ध है. दूसरा, कार्यकारीनी जज नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ये दोनों टिप्पणीयां स्वतः साबित कर देती हैं कि अब तक जितने भी लोगों के घर बुल्डोजर से तोड़े गए हैं सभी अवैध कार्यवाईयां रही हैं.

उन्होंने कहा कि सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता का कोर्ट में दिया गया तर्क कि ऐसे आदेशों से कार्यपालिका के हाथ बंध जाएंगे भाजपा की आपराधिक और संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जब राज्य ही अवैध कार्यवाइयों का दोषी है तो उसे पीड़ितों को मुआवजा देना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जतायी कि अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ऐसी कार्यवाईयों के दोषी राज्य सरकारों को पीड़ितों को मुआवजा देने का निर्देश भी देगा.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 2022 में भी सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को लोगों के घर बुल्दोज़र से तोड़ने पर नोटिस दिया था. जिसके जवाब में योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिये हलफनामे में ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया था. लेकिन इस मामले में आगे सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोई सार्थक कार्यवाई नहीं हुई थी. इसलिए ज़रूरी है कि सुप्रीम कोर्ट इस बार ठोस योजना के साथ कार्यवाई करे.