केंद्र सरकार ने अपने 23 लाख कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना UPS लेकर आई है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत केद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर फिक्स पेंशन देने की व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं, जो केंद्रीय कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, वो भी इस योजना में अपने को शिफ्ट कर सकते हैं। उनको ब्याज सहित एरियर का भुगतान किय जाएगा। यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत केद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए फिक्स पेंशन का प्रावधान किया है। यूपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी अब सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में पाने के हकदार होंगे। पेंशन के रूप में वेतन का 50 प्रतिशत पाने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 25 वर्ष होनी चाहिए। वहीं, न्यूनतम 10 साल तक की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक रूप से पेंशन दी जाएगी। नई पेंशन योजना न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की गारंटी भी देती है। यानी केंद्रीय कर्मचारियों को कम से कम 10 हजार रुपये का फिक्स पेंशन मिलेगा।

केंद्र सरकार ने कहा है कि 2004 के बाद से NPS के तहत पहले ही रिटायर हो चुके या अभी काम कर रहे कर्मचारी इस स्कीम को चुन सकते हैं। कर्मचारियों के पास एनपीएस या यूपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा।

यह राज्य सरकार पर निर्भर करेगा। अगर वे अपने कर्मचारियों को यूपीएस के तहत पेंशन देना चाहेंगे तो इसके लिए स्वतंत्र होंगे।

न्यू पेंशन स्कीम यानी एनपीएस में कर्मचारियों को फिक्स पेंशन का प्रावधान नहीं था। एनपीएस पूरी तरह से शेयर मार्केट रिटर्न पर आधारित था। इसलिए इसको लेकर कर्मचारियों में असंतोष था। वहीं, यूपीएसी में कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) जैसा फिक्स पेंशन देने का प्रावधान है। UPS में सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50% निश्चित पेंशन के तौर पर मिलेगा।

यूपीएस में कर्मचारियों को फिक्स पेंशन मिलेगा। इतना ही नहीं, अगर कर्मचारी की अकस्मात मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को मौत के समय उसकी जो पेंशन बनेगी, उसका 60% डिपेंडेंट फैमिली को मिलेगा। इतना नहीं, अगर किसी की सर्विस 10 साल से कम भी है तो उसे 10 हजार रुपये का पेंशन मिलेगा। यानी इस नई स्कीम के तहत 10 हजार रुपये न्यूनतम पेंशन मिलना तय है। इसके साथ ही महंगाई बढ़ने का भी लाभ इसमें समय-समय पर दिया जाएगा। इससे कर्मचारियों की पेंशन समय के साथ बढ़ती जाएगी। DA ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स पर आधारित होगा

अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी एनपीएस के तहत रिटायर हुआ है और वह यूपीएस में शिफ्ट होता है तो सरकार बकाया रकम एरियर के तौर पर देगी। बकाया रकम पर सरकार ब्याज भी देगी। कर्मचारी के बने एरियर्स पर PPF रेट से ब्याज मिलेगा।

एनपीएस में कर्मचारियों को पेंशन के लिए सैलरी का 10% हिस्सा योगदान करना होता है। वहीं, सरकार 14% करती है। वहीं, यूपीएस में सरकार 18.5% योगदान देगी। इससे कर्मचारियों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। हालांकि, ऐसा करने से सरकार पर पहले साल 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।