कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर आयोजत समारोह में शिरकत की. राहुल यहां पर आम लोगों के साथ बैठे दिखे. कांग्रेस सांसद ने ऐसा क्यों किया, इसपर रक्षा मंत्रालय का बयान आया है. मंत्रालय के अनुसार राहुल के लिए आगे की सीट रिजर्व थी, लेकिन उन्होंने अपनी मर्जी से लाइन में पीछे बैठने का फैसला किया. हालांकि कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी वहीं बैठे थे जहां उन्हें सीट दी गई.

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में 5वीं सीट आवंटित की गई थी. उन्होंने कोई प्रोटोकॉल नहीं तोड़ा. उन्होंने आवंटित सीट को शिफ्ट करने की इच्छा नहीं जताई. वह वहीं पर बैठे जो सीट उनके लिए निर्धारित की गई थी. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को राहुल के बगल वाली सीट आवंटित की गई थी, लेकिन खरगे समारोह में शामिल नहीं हुए.

रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी के लिए आगे की सीट रिजर्व थी, लेकिन उन्होंने अपनी मर्जी से लाइन में पीछे बैठने का फैसला किया. राहुल गांधी ने वहां इंतजाम में लगे स्टाफ से कहा कि मैं कॉमन लोगों के बीच में बैठना चाहता हूं. यहां मौजूद तमाम नेताओं के साथ तो मैं सदन में भी बैठता हूं.

राहुल जिस लाइन में बैठे वहां पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय खिलाड़ी भी बैठे दिखे. राहुल के आगे वाली लाइन में भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश, कप्तान हरमनप्रीत सिंह बैठे. पेरिस ओलंपिक में दो मेडल जीतने वालीं शूटर मनु भाकर को भी तस्वीर में राहुल के साथ बैठे हुए देखा जा सकता है.

लाल किले पर समारोह में राहुल गांधी के शामिल होने के साथ विपक्ष का 10 साल का सूखा भी खत्म हो गया. 2014 के बाद पहली बार विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी समारोह में शामिल हुए. 2014 और 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद विपक्ष के नेता का पद खाली रहा, क्योंकि कोई भी विपक्षी दल संवैधानिक पद पर रहने के लिए आवश्यक सीटों की संख्या नहीं पा सका था.

हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के साथ संसद के निचले सदन में कांग्रेस की सीट 52 से बढ़कर 99 हुई. इस प्रदर्शन के बाद राहुल गांधी को 25 जून को विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया गया था.