गोल्ड जीतते ही पाकिस्तान के नदीम बन गए करोड़पति, जानिए नीरज को क्या मिला?
2020 टोक्यो ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा को मात देकर अरशद नदीम ने इतिहास रच दिया। इन खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश हो रही है। चोपड़ा ने रजत पदक जीता तो भारतीय खेल प्रशंसकों को खुशी का क्षण तो मिला, लेकिन थोड़ी निराशा भी हुई। नदीम ने 92.97 मीटर थ्रो करके सभी को चौंका दिया और ओलंपिक रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिया। 32 साल की अवधि के बाद पाकिस्तान को ओलंपिक में पदक दिलाने में मदद की।
नदीम को 50000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि मिली। पाकिस्तानी रुपये के अनुसार एक करोड़ 40 लाख के बराबर है। आपको बता दें कि नीरज चोपड़ा को कोई पुरस्कार राशि नहीं मिली है। नदीम को 50,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि मिलेगी, जो 41,98,500 भारतीय रुपये के बराबर है।
पेरिस में 48 एथलेटिक्स स्पर्धाओं में से प्रत्येक में स्वर्ण पदक जीतने वाले एथलीटों को 50,000 अमेरिकी डॉलर से पुरस्कृत करने के लिए किया जाएगा। विश्व एथलेटिक्स ने केवल स्वर्ण विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि की घोषणा की है। रजत और कांस्य पदक विजेताओं के लिए नहीं कोई राशि नहीं है।
पाकिस्तान का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के कुछ घंटों बाद सिंध सरकार और गवर्नर कामरान टेसोरी ने एथलीट के लिए 51 मिलियन रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की। सिंध के गवर्नर ने अरशद के लिए 1 मिलियन रुपये की घोषणा की। रेडियो पाकिस्तान ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ओलंपिक प्रदर्शन का सीधा प्रसारण देखा।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने पेरिस में ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाले भाला फेंक खिलाड़ी अरशद नदीम के लिए 10 करोड़ (पाकिस्तानी) रुपये की नकद पुरस्कार की घोषणा की है। नदीम को हालांकि कुछ महीने पहले ओलंपिक के लिए नया भाला खरीदने के लिए ‘क्राउड फंडिंग’ (बड़ी संख्या में लोगों से धन जुटाना) की मदद लेनी पड़ी थी।
मरियम ने यह भी कहा कि इस खिलाड़ी के नाम पर उनके गृहनगर खानेवाल में एक स्पोर्ट्स सिटी बनाई जाएगी। नदीम को संसाधनों और सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान में इस तरह की समस्या का सामना लगभग सभी गैर-क्रिकेट खिलाड़ी को करना पड़ता है।
राष्ट्रमंडल खेलों (2022) में स्वर्ण पदक और विश्व चैम्पियनशिप (2023) में रजत पदक जीतने के बाद भी नदीम को पेरिस ओलंपिक से पहले एक नए भाले के लिए गुहार लगानी पड़ी। उनका पुराना भाला वर्षों के उपयोग के बाद खराब हो गया था। शायद इसीलिए नदीम ने गुरुवार को पेरिस से अपने माता-पिता को पहला संदेश दिया कि वह अब अपने गांव में या उसके आसपास एथलीटों के लिए एक उचित अकादमी बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उनके पिता मुहम्मद अरशद ने बताया, ‘‘ हम उसे इतनी लोकप्रियता देने के लिए अल्लाह के शुक्रगुजार हैं।
उसने उम्मीद जताई कि यह ओलंपिक स्वर्ण पदक अब ग्रामीण क्षेत्र में खिलाड़ियों के लिए एक खेल अकादमी बनाने के उसके प्रयास में मदद करेगा।’’ पाकिस्तान में कई वर्षों तक राष्ट्रीय एथलेटिक्स निकाय का नेतृत्व करने वाले जनरल (रिटायर) मुहम्मद अकरम साही को भरोसा है कि अरशद की उपलब्धि से देश में एथलेटिक्स की लोकप्रियता में इजाफा होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कई और अरशद नदीम को पाकिस्तान के लिए पदक जीतते हुए देखना चाहता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नीरज चोपड़ा जब उभरे तो उन्होंने भारत में गैर क्रिकेट खिलाड़ियों पर बड़ा प्रभाव डाला और उम्मीद है कि पाकिस्तान में भी ऐसा होगा।’’