लखनऊ
भारतीय जीवन मूल्यों एवं दर्शन पर आधारित भारत विकास परिषद् के सेवा एवं संस्कार के कार्य विषय पर आधारित लखनऊ की समस्त शाखाओं के द्वारा संपर्क आयाम के अंतर्गत सामूहिक रूप से भारत विकास परिषद् अवध प्रान्त उत्तर मध्य रीजन -2 ने आज अपना 62वां स्थापना दिवस मालवीय सभागार लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ में धूमधाम से मनाया इस अवसर पर एक वैचारिक संगोष्ठी समारोह का भी आयोजन किया गया तथा शहर की छः महान विभूतियों को अपने अपने क्षेत्र में किये गए उत्कृष्ट कार्यों हेतु सम्मानित किया गया एवं 75 वर्ष की उम्र पार कर चुके भारत विकास परिषद् के 10 वरिष्ठजनों को भी किया गया सम्मानित। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता माननीय पूर्व सांसद राज्य सभा एवं पूर्व संपादक पांचजन्य श्री तरुण विजय जी रहे।

सामाजिक परिवर्तन के पञ्च–सूत्र पर्यावरण,स्वदेशी, समरसता, परिवार प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य के संकल्प के साथ कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्वलन और भारत माता व स्वामी विवेकानंद जी के चित्रों पर माल्यार्पण के साथ हुई , परिषद् की महिला शाखा द्वारा राष्ट्रगीत वन्दे मातरम गाया गया । परिषद् के प्रांतीय अध्यक्ष श्री देवेन्द्र स्वरुप शुक्ल द्वारा सम्मानित मंच का परिचय कराया गया तत्पश्चात कार्यक्रम के अध्यक्ष व मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्पकली ,शॉल व स्मृति चिन्ह द्वारा किया गया।

इस अवसर पर केजीएमयू रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत, बेटी बचाओ बेटी अपनाओ जैसे संवेदनशील विषयों को बढ़ावा देने वाली एवं मनीषा मंदिर की प्रमुख डॉ सरोजिनी अग्रवाल, वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा व् संस्कारित करने वाली श्रीमती नरिंदर चावला, सेवा बस्तियों में प्रत्येक रविवार स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से निःशुल्क दवा और चिकित्सा जैसा महान कार्य कर रहे डॉ राकेश कुमार गुप्ता और डॉ रामचंद्र सिन्धी और विजयश्री फाउंडेशन-प्रसादम सेवा के माध्यम से चुनिन्दा सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों /तीमारदारों को निःशुल्क भोजन व्यवस्था उपलब्ध कराने वाले श्री विशाल सिंह को अपने अपने क्षेत्र में किये जा रहे उत्कृष्ट समाज सेवा हेतु सम्मानित किया गया । सम्मान सेवा का संचालन भारत विकास परिषद् के प्रांतीय वित्त सचिव श्री पंकज अग्रवाल जी ने किया।

प्रांतीय अध्यक्ष श्री देवेन्द्र स्वरुप शुक्ल ने स्वागत उद्बोधन किया । क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन द्वारा भारत विकास परिषद् सेवा एवं संस्कार के कार्यों की प्रस्तावना पर प्रकाश डाला गया. सगठन मंत्री श्री विक्रांत खण्डेलवाल ने अपने उद्बोधन मे भारत विकास परिषद् की संकल्पना एवं विचारधारा पर अपने विचार प्रस्तुत किये।

मुख्य वक्ता श्री तरुण विजय ने सामाजिक व्यवस्था परिवर्तन के पंच सूत्रों (पर्यावरण , स्वदेशी, समरसता, परिवार प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य)पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक भारतीय कैसा होना चाहिए, हम बड़े पुण्यवान हैं कि हमें मनुष्य जीवन मिला वो भी ऐसे देवभूमि भारत में जन्म मिला। भारत का तत्व हैं ये पंच सूत्र, समरसता भारतीय जीवन का प्राण है,यदि आपने परिवार नहीं बचाया तो भारत नहीं बचेगा ।

भारतीय जीवन मूल्यों की आधारशिला है सहअस्तित्व की भावना, सेवा भावना, हमारी संस्कृति की मूल प्रेरणा है वह एक अलग प्रकार का संदेश पूरी दुनिया को देती है ,स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि भारत माता दिव्य आभा के साथ मार्गदर्शन देने के लिए आगे बढ़ने जा रही है वह जानते हैं क्यों आगे बढ़ने जा रही है हम दुनिया के सुपर पावर बनने के लिए नहीं आगे बढ़ रहे हैं हम इकोनॉमिक पावर बनने के लिए आगे बढ़ने नहीं जा रहे मिलिट्री पावर बनने के लिए भी आगे बढ़ने नहीं जा रहे ।

हम जगतगुरु बनने के लिए आगे बढ़ने जा रहे जगतगुरु कभी किसी को डॉमिनेंट नहीं करता वो केवल मोटिवेट करता है यही हमारी वैल्यूज का मोटिवेशन है और इसीलिए जब हम दुनिया में आगे आएँगे तो वो एक अलग प्रकार से दुनिया को लीड करते हुए जिसमें हमारी वैज्ञानिक एप्रोच अलग होगी कल्चरल एप्रोच अलग होगी स्पिरिचुअल एप्रोच अलग होगी और हमारी सोशल एप्रोच भी अलग होगी अतः भारत का विकास किस चीज़ के लिए होगा? मनुष्य के विकास के लिए होगा।

हम दुनिया के सबसे युवा राष्ट्र है अतः हमारा स्वर्णिम अतीत है और गौरवशाली भविष्य है हमें वर्तमान का ध्यान रखना है

श्री देवेन्द्र स्वरूप शुक्ल द्वारा अध्यक्षीय उद्बोधन प्रस्तुत किया गया उसके बाद प्रांतीय महासचिव श्री शशिकांत सक्सेना द्वारा धन्यवाद् ज्ञापित किया गया तथा कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान द्वारा हुआ।

भारत विकास परिषद् के प्रांतीय वित्त सचिव पंकज अग्रवाल, प्रांतीय महासचिव शशिकांत सक्सेना एवं जिला समन्वयक एवं कार्यक्रम संयोजक प्रवीण शर्मा, परिषद् के वरिष्ठ सदस्य डॉ बी एन सिंह, भाग्योदय फाउंडेशन के मुखिया श्री राम महेश मिश्र जी और महासचिव श्री विनय प्रकाश श्रीवास्तव जी की विशेष उपस्थिति रही कार्यक्रम में लखनऊ की सभी शाखाओं जैसे महिला, पूर्वी, इंदिरानगर, मानसरोवर, लोकमान्य, समर्थ. समर्पण, परमहंस, विवेकानंद, निराला, संस्कार, बालागंज और प्रगति के सभी पदाधिकारियों, सदस्यों और मेहमानों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को भव्यता प्रदान करने में अपना योगदान दिया।