योगी राज में गिरने लगी पुलिसवालों पर गाज
4 दिन में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी सस्पेंड, लखनऊ के 7 इंस्पेक्टरों का ट्रांसफर
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ की सरकार बनने के बाद से अब तक, चार दिनों में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है। इसे सीएम द्वारा कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने के उद्देश्य से की गई कार्रवाई बताया जा रहा है। सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों में से ज्यादातर गाजियाबाद, मेरठ और नोएडा के हैं। राजधानी लखनऊ के सात इंस्पेक्टरों को डीजीपी जावेद अहमद के निर्देश पर हटाया गया है। डीजीपी ने बाकायदा निर्देश जारी कर पुलिस अधिकारियों से कहा था कि वे फोर्स में ‘लापरवाह तथा सही से ड्यूटी न करने वाले’ पुलिसकर्मियों की पहचान करें। योगी आदित्य नाथ के सीएम बनने के कुछ ही घंटों बाद डीजीपी और प्रमुख सचिव (गृह) देबाशीष पंडा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी सुप्रिटेंडेट्स को अनुशासन पर ध्यान देने के निर्देश दिए थे। अधिकारियों से कहा गया था कि पुलिसकर्मियों का अनुशासन व टर्नआउट अच्छा रखा जाए।
डीजीपी ने अपने अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों से कहा, ”कुछ समय से अनुशासन के ऊपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ड्यूटी पर कार्यरत पुलिसकर्मी सही वर्दी नहीं पहन रहे हैं, वर्दी साफ-सुथरी नहीं है, टोपी सिर पर नहीं है एवं जूते निर्धारित शैली के नहीं हैं। डयूटी पर कार्यरत कर्मी चौराहों पर अखबार पढ़ते हुये, बातचीत करते हुये या मोबाइल फोन पर वार्ता करते हुये दिख जाते हैं और उन्हें किसी भी स्तर से न तो टोका जाता है और न सही प्रकार से ड्यूटी देने अथवा वर्दी धारण करने के लिये निर्देश दिये जाते हैं। ड्यूटी के समय सही वर्दी धारण करते हुये सतर्क रहना एवं अपने ड्यूटी स्थान पर एवं आस-पास की गतिविधियों पर पैनी नजर रखना ड्यूटी का हिस्सा है।”