भाजपा से नहीं तो निर्दलीय, वरुण गाँधी की तैयारी
अगर भारतीय जनता पार्टी वरुण गांधी को पीलीभीत से लोकसभा का टिकट नहीं देती है तो क्या वह निर्दलीय ही मैदान में उतर जाएंगे. यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि वरुण गांधी के प्रतिनिधि ने पीलीभीत से सांसद के नामांकन का पर्चा खरीदा है. बताया जा रहा है कि वरुण गांधी के प्रतिनिधि दिल्ली से आए थे. उन्होंने 4 सेट नॉमिनेशन पेपर खरीदा और वापस दिल्ली चले गए.
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी से टिकट ना मिलने की सूरत में वरुण गांधी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भी पर्चा दाखिल करने की तैयारी में हैं. अगर बीजेपी ने पीलीभीत से वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया तो पूरी संभावना है कि वरुण गांधी निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल कर देंगे.
हालांकि, सीटों पर नाम को लेकर अभी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में CEC की बैठक होनी बाकी है. इस बैठक में तय होगा कि वरुण को टिकट मिलेगा या नहीं. सूत्रों के मुताबिक प्रदेश स्तर के सभी भाजपा नेताओं ने कोर कमेटी की बैठक में वरुण गांधी को टिकट दिए जाने का विरोध किया है.
बता दें कि यूपी की पीलीभीत सीट के लिए पहले चरण में वोटिंग होनी है. इसके लिए आज से नॉमिनेशन शुरू हो चुके हैं. लेकिन अब तक बीजेपी और सपा ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इस सीट से वरुण गांधी सांसद हैं. पिछले कुछ साल से वो राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. वरुण की नाराजगी सार्वजनिक है.
एक दिन पहले यानी 19 मार्च को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ संकेत दिए थे कि लोकसभा चुनाव में वरुण गांधी को समाजवादी पार्टी से टिकट दिया जा सकता है. दरअसल, अखिलेश यहां व्यापार सभा की बैठक में मौजूद थे. इस दौरान उनसे वरुण गांधी को लेकर सवाल किया गया. इस पर अखिलेश ने कहा,’वो बीजेपी का मसला है कि किसको टिकट देती है और किसको नहीं. हमारी कमेटी हर चीज पर विचार करती है. यानी साफ है कि वरुण गांधी के लिए समाजवादी पार्टी ने दरवाजे खोलकर रखे हैं और पार्टी राजनीतिक हालात पर नजर रख रही है.
सूत्रों का कहना है कि पीलीभीत सीट को लेकर सपा मुख्यालय में अखिलेश यादव ने अहम बैठक की. इस बैठक में 6 से ज्यादा उम्मीदवारों के साथ-साथ पीलीभीत सांसद वरुण गांधी के नाम पर भी चर्चा हुई. पीलीभीत के सपा जिला अध्यक्ष जगदेव सिंह जग्ग से जब इस मीटिंग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वरुण के नाम की भी चर्चा हुई है.