लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज केन्द्रीय उपोषण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा द्वारा आयोजित फार्मर फस्र्ट परियोजना एवं कीटनाशकों के सुरक्षित एवं विवेकपूर्ण उपयोग पर किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक श्री शैलेन्द्र जैन सहित कृषि वैज्ञानिक एवं बड़ी संख्या में फलपट्टी के किसान उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर संस्थान के कृषि साहित्य एवं अन्य प्रकाशनों का लोकार्पण भी किया।

राज्यपाल ने कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए कहा कि किसान मेहनत करता है फिर भी गरीब है। किसान के श्रम और लागत की उचित प्रतिफल प्राप्त नहीं होता है इसलिये उसकी आमदनी भी नहीं बढ़ती। किसानों को उन्नत बीज एवं प्रमाणित खाद्य एवं कीटनाशक दवाओं का उपलब्ध न होना, उत्पाद को बाजार तक पहुंचाने का उचित साधन न होना, भण्डारण की उचित व्यवस्था न होना, फसल का बाजार में उचित मूल्य न मिलना जैसे कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक के सुनियोजित प्रकल्प खोजने की आवश्यकता है।

श्री नाईक ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक अपनी खोज और अद्यतन अनुसंधान को किसानों के खेत तक पहुंचाने का प्रयास करें। कृषि एवं बागवानी करने वाले किसान विज्ञान के आधार पर काम करें तो ज्यादा लाभ हो सकता है। नकली दवाओं और अप्रमाणित बीज से सावधान करने में वैज्ञानिक किसानों का सहयोग करें। फलपट्टी के किसानों द्वारा बिजली की समुचित आपूर्ति, बाजार तक पहुंचने के साधन एवं उत्पादों को अन्य जगह पहुंचाने में रेल सुविधा की मांग पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में केन्द्र और राज्य सरकार तथा रेल मंत्रालय से बात करके उचित सुविधा दिलाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।

राज्यपाल ने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ था उस समय देश खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं था। भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने अनाज की कमी तथा सेना को ताकत देने के लिये सप्ताह में एक दिन उपवास की बात करते हुए ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था। तब से लेकर आज की जनसंख्या में तीन गुणा बढ़ोत्तरी हुई है। किसानों की मेहनत और कृषि संवर्द्धन के कारण हम खाद्यान्न में आत्मनिर्भर हुए हैं और निर्यात की स्थिति में भी हैं। उन्होंने कहा कि देश के किसानों में शक्ति है, उनको आगे ले जाने के लिये उचित प्रोत्साहन एवं सहयोग की जरूरत है।

कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक सहित अन्य लोगों ने अपने विचार रखें तथा किसानों ने भी अपनी समस्याएं बतायी।