गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अब तक लोग एक सांसद के रूप में जानते थे, लेकिन उन्हें इतना बड़ा पद मिलने के बाद लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं. हम आपके लिए योगी आदित्यनाथ के जीवन के अब तक के सफर की कहानी लेकर आए हैं. आप नीचे जान पाएंगे किस साल अजय सिंह नेगी ने संन्यास अपनाकर योगी आदित्यनाथ बन गए. आप जान पाएंगे कि गणित का तेज तर्रार छात्र के साथ ऐसा क्या हुआ जो वह पहले संन्यासी और फिर राजनेता के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहा. ऐसे ही सवालों के जवाब के लिए नीचे टाइमलाइन में पढ़ें योगी आदित्यनाथ का पूरा बायोडाटा.

5 जून 1972: उत्तराखंड (तब उत्तर प्रदेश था) के पौड़ी जिला स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव के राजपूत परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था.

1977: टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की. स्कूल और कॉलेज सर्टिफिकेट में इनका नाम अजय सिंह नेगी है.

1987: टिहरी के गजा स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास की.

1989: ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की.

1990: ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए एबीवीपी से जुड़े.

1992: कोटद्वार के गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की परीक्षा पास की.

1993: गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने गोरखपुर आए. यहां गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की नजर अजय सिंह/आदित्यनाथ पर पड़ी.

1994: सांसारिक मोहमाया त्यागकर पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद अजय सिंह नेगी का नाम योगी आदित्यानाथ हो गया.

1998: योगी आदित्यनाथ सबसे पहले गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और जीत गए. तब उनकी उम्र महज 26 साल थी.

1999: गोरखपुर से दोबारा सांसद चुने गए.

अप्रैल 2002: योगी ने हिन्दू युवा वाहिनी बनायी.

2004: तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता.

2007: गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया. गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा. योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए.

7 सितंबर 2008: सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था. इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे.

2009: योगी आदित्यनाथ 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे.

2014: पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर सांसद चुने गए.

2015: 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था. इसके बाद यूपी में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए. इसमें योगी आदित्यनाथ से काफी प्रचार कराया गया, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहा.

2017: विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया. यहां तक कि इन्हें एक हेलीकॉप्टर तक दे दिया गया था.

19 मार्च 2017: उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री का ताज सौंप दिया गया.

20 मार्च 2017: योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.