लखनऊ: कला छात्रांे को प्रोत्साहन देने और उनकी प्रतिभा को प्रदर्शित करने हेतु एक मंच उलब्ध कराने के उद्देश्य से एमिटी विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश लखनऊ परिसर मंे आज दो दिवसीय राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी ‘कला दर्पण-2017’ का शुभारम्भ किया गया। इस राष्ट्रीय कला प्रर्दशनी कला-दर्पण-2017 का आयोजन एमिटी स्कूल आॅफ फाइन आट्र्स के द्वारा किया जा रहा है।

डा. एपीजे अब्दुल कलाम टैक्निकल विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश की डीन एवं प्रधानाचार्या आर्कीटैक्चर संकाय डा. वंदना सहगल ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्ज्वलन कर कला दर्पण-2017 का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मंजरी इंस्टीट्यूट आॅफ परफाॅरमिंग आर्टस् की संस्थापिका मंजरी पांडे, प्रति कुलपति एमिटी विवि लखनऊ परिसर सेवानिवृत्त मेजर जनरल केके ओहरी (एवीएसएम) और निदेशिका एमिटी स्कूल आॅफ फाइन आर्टस् पूजा वर्मा उपस्थित रहीं।

अतिथियों का स्वागत करते हुए एमिटी स्कूल आॅफ फाइन आट्र्स की निदेशिका पूजा वर्मा ने कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय प्राइवेट शिक्षा संस्थानों में अपनी उत्कृष्टता के कारण अलग मुकाम रखता है। एमिटी अपने छात्रों के सर्वतोन्मुखी विकास के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। उन्होंने कहा कि, कला दर्पण निश्चित तौर पर कला क्षेत्र से जुड़े और कला विधाओं में अपना भविष्य तलाश रहे छात्रों की प्रतिभा को लोगांे तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम बनेगा।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि वंदाना सहगल ने एमिटी विश्वविद्यालय परिवार को बधाई देते हुए कहा कि कला कोई भी हो व्यक्ति के अंर्तमन की अभिव्यक्ति का माध्यम होती है। पेंटिग अपने आप में कविता की तरह है, पेंटिंग को समझने के लिए कविता की समझ भी आवश्यक है। उन्होंने छात्रों से कहा कि, कला को अभिव्यक्ति का माध्यम बनाने वालों को निर्भीक होना अति आवश्यक है। कलाकार के भीतर अपनी बात कहने का साहस और स्वतंत्रता होनी चाहिए। उन्होने कहा कि, ईमानदार और सतत प्रयासों के जरिए छात्र अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं। उन्होने कहा कि, किसी भी अन्य क्षेत्र के बजाय कला क्षेत्र में विद्यार्थी को अधिक परिश्रम और साधना करने की आवश्यकता होती है।

कला दर्पण में प्रतिभागिता करने के लिए मेरठ, पुणे, बंगलूरू, प. बंगाल और कानपुर, रायबरेली, जबलपुर, लखनऊ सहित देश भर के कलाकारों द्वारा सैकड़ों प्रविष्टियां भेजी गईं। कला प्रदर्शनी में चार वर्गाें के लिए प्रविष्टियां प्रदर्शित की गई हैं जिसमंे पेंटिंग ड्राइंग, डिजिटल आर्ट और फोटो ग्राफी शामिल हैं।

कला दर्पण के प्रथम दिन विभिन्न वर्गों के अंर्तगत प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थानांे पर विजेता हुई प्रविष्टियों के कलाकारों को पुरस्कृत भी किया गया, जिसमें फोटो ग्राफी वर्ग के लिए लखनऊ के अजीत कुमार सिंह, दीनाजपुर के रासबिहारी साहा को पेंटिंग और फिरोज अहमद, लखनऊ को ड्राइंग वर्ग में अपनी प्रस्तुति के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। डिजिटल आर्टस् वर्ग में अमन आदिल अंसारी को प्रथम पुरस्कार दिया गया।

प्रदर्शनी के प्रथम दिन बड़ी संख्या में कला प्रेमियों और विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता कर रही प्रविष्टियों का अवलोकन किया और उनकी प्रशंसा की। प्रर्दशनी कल 10 मार्च को भी लोगों के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।