अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की तरक्की व सुरक्षा का प्रण लें: शिवपाल यादव
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व लोक निर्माण विभाग मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की तरक्की सुनिश्चित कर एक सभ्य समाज निर्माण में अपना योगदान देने का प्रण लेने का आहवान किया है।
शिवपाल सिंह यादव ने एक बयान जारी कर कहा कि महिला और भारतीय संस्कृति में एक बहुत ही गंभीर रिश्ता है। भारतीय संस्कृति हमेशा महिलाओं का सम्मान करना सिखाती है और जब जब महिलाओं का अपमान हुआ है तब तब इस धरा पर महाभारत जैसे युद्द देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब हमारे देश में नारी को सम्मान के साथ देखा जाता था और महिलाओं को देवी और लक्ष्मी का रूप मानकर पूजा जाता था लेकिन बदलते युग के इस दौर में इंसान अपने चरित्र से इस कदर नीचे गिर गया है कि उसके लिए स्त्री एक पूजनीय और इज्जत का रूप न रहकर केवल उपभोग की वस्तु समझी जाने लगी है, जो कही न कही हमारे समाज के एक बुरे और संकीर्ण मानसिकता की सोच को दर्शाता है।
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी का दर्जा प्रदान किया गया है और कहा गया है कि जहां पर इन देवी रुपी नारियों का सम्मान नहीं होता, वहां सम्पूर्ण मानव जाति का विनाश हो जाता है। हमारी संस्कृति में कन्या के जन्म को धन की देवी माँ लक्ष्मी के आगमन के रूप में देखा जाता है। लेकिन बदलते परिवेश के इस दौर में महिलाओं को लेकर अनेक प्रकार की कुरीतियों का भी जन्म हुआ है जैसे दहेज हत्या, कन्या भ्रूण हत्या, महिलाओं को शिक्षा का अधिकार न देना, समाज में केवल उपभोग की वस्तु समझना ऐसी तमाम बुराईया जन्म ले चुकी हैं जो समाज को अंदर ही अन्दर खोखला कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि भले ही हमारे समाज में आज भी महिला को अबला समझा जाता है लेकिन अगर कोई महिला मन से ठान ले तो वह सफलता का वह परचम लहरा सकती है जिसकी कल्पना हम पुरुष भी नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का काम किया है। महिलाओं के प्रति सम्मान, समाज निर्माण में योगदान, जात पात से उपर उठाना, राजनीति में आबे बढ़ाना, समाज में फैली कुरीतियों और समाज में महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिलाना हम सभी का कर्तव्य है। शिवपाल सिंह यादव ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं की तरक्की सुनिश्चित कर समाज निर्माण में अपना योगदान देने का प्रण लेने का आहवान किया।