रिलायंस पेट्रोलियम मंत्रालय के आदेश को दी चुनौती
नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज ने उसकी पांच गैस खोज वाले क्षेत्र को वापस लेने पर पेट्रोलियम मंत्रालय को मध्यस्थता नोटिस दिया है। कंपनी के पूर्वी अपतटीय केजी-डी6 ब्लॉक का 814 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वापस लेने के मंत्रालय के निर्णय पर नोटिस दिया है। कंपनी का कहना है कि इस क्षेत्र में उसकी 5 गैस खोज हैं।
‘बिना खोज’ वाले क्षेत्र छोड़ने के नियम के तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2013 में केजी-डी6 ब्लाक के कुल 7,645 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में से 5,385 वर्ग किलोमीटर छोड़ने की पेशकश की थी, लेकिन मंत्रालय ने 30 अक्तूबर 2013 में कुल क्षेत्र में से 6,198.88 वर्ग किलोमीटर वापस लेने का आदेश दिया क्योंकि इस क्षेत्र से उत्पादन की समयसीमा समाप्त हो गयी थी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 14 जनवरी को इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि मंत्रालय ने 814 वर्ग किलोमीटर अतिरिक्त क्षेत्र ले लिया जिसमें पांच गैस खोजें हैं। इसमें 1,000 अरब घन मीटर गैस भंडार है।
सूत्रों ने कहा कि कंपनी ने नोटिस में मांग की है कि वापस लिये क्षेत्र का विवाद मध्यस्थता के तहत पंच निर्णय के लिये भेजा जाना चाहिये। इलाका वापस लेने के सरकारी आदेश को वापस लिया जाना चाहिये और अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने पर मुआवजे का भुगतान किया जाना चाहिये।
नियमों के तहत अनुबंधकर्ता को केवल वही क्षेत्र रखने की अनुमति है जहां खोज हुई है, लेकिन केजी-डी6 मामले में हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने बड़ा क्षेत्र वापस लेने का आदेश दिया, क्योंकि रिलायंस क्षेत्र में की गई खोजों को तय समय में विकसित करने में असफल रही।
रिलायंस ने अपने नोटिस में कहा कि अक्तूबर 2013 के आदेश से उसके क्षेत्र रखने के अधिकार का उल्लंघन हुआ है और इन खोजों की मंजूरी की समयसीमा समाप्त नहीं हुई है क्योंकि ब्लॉक की निगरानी समिति यानी प्रबंधन समिति ने इनके चरणबद्ध विकास पर सहमति जतायी है।
सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय मध्यस्थता नोटिस खारिज कर सकता है क्योंकि पांच कुओं.. डी4, डी7, डी8, डी16 तथा डी23 के विकास के लिये समयसीमा समाप्त हो गयी और कोई भी विकास योजना सौंपी नहीं गयी है। सूत्रों के अनुसार रिलायंस ने डी-5 और डी-18 के वाणिज्यिक उपयोग के बारे में भी घोषणा सरकार को नहीं सौंपी है, इसके लिये भी अब समयसीमा समाप्त हो गई है।