यह चुनाव सपा, बसपा और कांग्रेस से मुक्ति का उत्सव है: पीएम मोदी
मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह चुनाव सपा, बसपा और कांग्रेस से मुक्ति का उत्सव है। उन्होंने कहा कि यूपी अगर अलग देश होता तो जनसंख्या के आधार पर दुनिया का सबसे बड़ा पांचवां देश होता।
पीएम मोदी ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश समृद्ध हो जाए तो, देश खुद ही आगे बढ़ जाएगा। उत्तर प्रदेश का चुनाव, 'युवाओं को रोजगार, बहन-बेटियों की सुरक्षा' पर है। उत्तर प्रदेश में 'सबका साथ सबका विकास' मंत्र को लेकर चलना है।
पीएम ने सीएम अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि 13 साल पहले मिर्जापुर में पुल निर्माण का आधारशिला रखे थे, लेकिन अभी तक नहीं बना, ये काम नहीं कारनामे बोल रहे हैं। जो अपने पिता की बातों को पूरा नहीं करता हो, वो जनता का काम क्या करेंगे?।
राहुल गांधी को भी अपने निशाने पर लेते हुए पीएम ने कहा कि खाट सभा से वहां के लोगों ने खाट उठा कर ले गए, क्योंकि उन्हें मालूम था खाट उन्हीं की है। उन्होंने कहा कि 11 मार्च को जनता ने तार बिछा रखा है, उससे सपा-बसपा और कांग्रेस को करंट लगने वाला है।
उन्होंने कहा कि खटिया हो या कटिया, आप तो यहां से जाने वाले है, जनता ने मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश जी का 'काम बोलता है' या मिर्जापुर का पत्थर बोलता है। बहन जी मिर्जापुर की पत्थरों में आज भी खड़ी हैं। मिर्जापुर से पत्थर पिछली दरवाजों से ले गए, लेकिन जांच के दौरान राजस्थान का नाम दिया गया। जिनको मिर्जापुर के पत्थरों से नफरत हो, उनको क्या आप वोट देंगे?
उन्होंने कहा कि अगर यहां पत्थरों से पुल बना दिया होता, तो अच्छा पुल बन गया होता, लेकिन अखिलेश ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि यही पुल अगर सैफई में बनना होता तो, 13 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ता। यहां की एक भी सीट पर इन लोगों की जीत नहीं होनी चाहिए, ताकि इन्हें पता चले उपेक्षा करने का परिणाम क्या होता है?
पीएम बोले, पीतल उद्योग को बर्बाद कर दिया, इसलिए यहां के युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की वजह से यहां के युवा बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर हाईकोर्ट ने भी फटकार लगाई, लेकिन यहां की सरकार नहीं सुधरी है।
उन्होंने कहा कि यूपी में हर चीज का रेट तय है, यहां भ्रष्टाचार दीमक की तरह घुस गया है। चार प्रकार के भ्रष्टाचार यूपी में हैं…नजराना, सुकराना, हकराना और जबराना। नजराना- काम कराने के पहले। सुकराना- काम होने के बाद। हकराना- फाइल भी आगे नहीं बढ़ेगी। जबराना- काम भी नहीं, करना भी नहीं।
उन्होंने कहा कि यूपी में लेने वालों की आदत हो गई है, देने वाले मजबूर हो गए हैं। आपके पास मुक्ति का एक ही प्रकार है, वो है हराना। ये काशी का क्षेत्र है, यहां टूरिज्म का अच्छा स्कोप है, लेकिन सरकार ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि यहां सब कुछ होते हुए भी सरकार की नीयत खराब होने की वजह से यहां से रोजी-रोटी कमाने के लिए लोग पश्चिम की तरफ जाते हैं। हम गुजरात से गोरखपुर तक गैस पाइपलाइन ला रहे हैं, यहां विकास का एक नया अवसर खुलेगा। उन्होंने कहा कि जैसे नलके से पानी आता है, वैसे हम नलके से गैस भी आने का काम कर रहे हैं। मैं वादे नहीं करता, काम करके दिखाता हूं।
उन्होंने कहा कि मैंने एक बार सब्सिडी छोड़ने के लिए आग्रह किया तो सवा करोड़ परिवारों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी। जब एक सामान्य इंसान को ईमानदारी का अहसास होता है, तो वो सरकार से भी आगे बढ़कर काम करता है।