जातीय जनगणना और OBC आरक्षण के सहारे यूपी में माहौल बनाएगी कांग्रेस
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर सामाजिक न्याय के पुरोधा, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. चंद्रजीत यादव के पुण्यतिथि पर जातीय जनगणना और ओबीसी आरक्षण को लेकर सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में प्रदेश भर से 200 से अधिक ओबीसी नेताओं ने हिस्सा लिया। प्रदेश में पिछड़े जाति के पदाधिकारी और संगठनकर्ता पिछले चार महीने पिछड़ी जातियों की छोटी-छोटी बैठकें कर रहे थे। मुज़फ़्फ़रनगर, मऊ, देवरिया, इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ में इस तरह की बैठकें पिछले महीने में हुई थीं।
बैठक में तय हुआ कि प्रदेश भर में आगामी दिनों मंडल सम्मेलन शुरू किया जाएगा। जिसमें जातीय जनगणना और ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के लिए जिला वार आंदोलनों की रूपरेखा तय की जाएगी। सम्मेलन में मंडल वार नेताओं की जिम्मदारियों भी तय की गयी। जातीय जनगणना और आरक्षण बढ़ाने के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करने का ख़ाका भी नेताओं ने तय किया।
आरक्षण बढ़ाने, जातियों की गिनती के समर्थन के लिए टोल फ़्री नम्बर जारी
सम्मेलन में समर्थन के लिए टोल फ़्री नम्बर 8744894894 जारी किया गया। जिस पर नाई समाज के नेता श्री ओम प्रकाश ठाकुर जी द्वारा पहला मिस्सड कॉल करके इस नंबर की शुरुवात की गई। टोल फ़्री नम्बर से पूरे प्रदेश में विधानसभा वार समर्थन जुटाया जाएगा। इस टोल नम्बर को सोशल मीडिया और पैम्फ़्लेट, पर्चे और पोस्टर के ज़रिए प्रचारित करने की योजना है।
भाजपा पिछड़ा विरोधी पार्टी, सिर्फ़ पिछड़ी जातियों को ठगा
ओबीसी समाज भारत की रीढ़ है। मेहनतकश जातियों ने देश के निर्माण में अपना खून पसीना लगाया है। लेकिन मोदी और योगी सरकार में ओबीसी जातियों के अधिकारों के ऊपर डाका डाला जा रहा है। मोदी- योगी सरकार में शायद कोई भर्ती रही हो जिसमें ओबीसी समाज को उनका हक़ मिला हो। भाजपा पिछड़ों का वोट तो लेती है लेकिन उनका हक़ नहीं देती है।
सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि जातीय जनगणना के बग़ैर सामाजिक न्याय की अवधारणा को पूरा नहीं किया जा सकता है। जातीय जनगणना ना सिर्फ़ देश की एक मुकम्मल तस्वीर होगी बल्कि इससे लोकतंत्र को मज़बूती मिलेगी।
वक्ताओं ने कहा कि भाजपा ने भ्रम फैलाने के लिए तमाम कमीशनों का गठन किया है लेकिन बिना जातीय जनगणना के उनकी सिफ़ारिशों पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि इन कमीशनों में पिछड़ी जातियों की संख्या जान बूझकर कम बतायी गयी है।
वक्ताओं ने कहा कि जातीय गिनती और ओबीसी आरक्षण बढ़ाने को लेकर सड़क पर संघर्ष किया जाएगा, ट्विटर और फ़ेसबुक पर जातीय जनगणना की बात करने वाले सियासी दल ओबीसी समाज को सिर्फ़ धोखा दे रहे हैं।
भाजपा द्वारा जातियों के साम्प्रदायिककरण की राजनीति के ख़िलाफ़ होगा वैचारिक संघर्ष तेज
प्रदेश मुख्यालय का मीडिया हॉल ओबीसी नेताओं और महापुरुषों के प्रतीकों से सजा संवरा रहा। सम्मेलन में समाधन निषाद, रामनरेश कुशवाहा, संतराम बीए, शेख़ भिखारी साहेब, डा0 गया प्रसाद कटियार, बुद्धु नोनिया, चौतू भर, मथानी लोहार, शीतल गडेरिया, शिवदयाल चौरसिया, अवन्तीबाई लोधी, सर छोटू राम, गुजर धन सिंह कोतवाल, भोदू अहीर, जैसे पिछड़े वर्ग के क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों की आदम क़द तस्वीरें लगाई गयी जिन्होंने आजादी के आंदोलनों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। आगामी दिनों में इन पिछड़े जाति के महापुरुषों के सहारे उनकी जातियों को गोलबंद भी किया जाएगा। सम्मेलन में भाजपा द्वारा ओबीसी जातियों के महापुरुषों को साम्प्रदायिककरण करने के ख़िलाफ़ भी वैचारिक संघर्ष करने की प्रतिबद्धता ज़ाहिर की गयी।
बैठक में बियार, बिन्द, नोनिया, अर्कवंशी , निषाद, गद्दी, जुलाहा, फ़क़ीर, बंजारा, बारी, भुर्जी,रंगरेज, कुम्हार, काछी, राजभर, कश्यप, कोयरी, गरेडिया, अहीर, जाट, गुजर, कलार, कहार, कुर्मी, पटवा, तेली, काँदू, राईन,सैफी, लोहार समेत 50 से अधिक जातियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।