शिक्षा नीतियों में परिणामी बदलावों की आवश्यकता है: रुथ लासकैनों लियानों
एमिटी कॉलेज में ’नई शिक्षा नीति द्वारा शिक्षा प्रणाली में सुधार‘ विषय पर सम्मलेन आयोजित
लखनऊ: वर्तमान शिक्षा प्रणाली की दुश्वारियों और चुनौतियों पर चर्चा करने और शोधार्थियों, शिक्षाविदों और विद्यार्थियों के बीच शिक्षा व्यवस्था की नई नीतियो पर संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन में ’नई शिक्षा नीति द्वारा शिक्षा प्रणाली में सुधार‘ विषय पर दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन का उद्घाटन यूनिसेफ हेड, उत्तर प्रदेश रुथ लासकैनों लियानों ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर पूर्व संयुक्त निदेशक एनसीआरटी प्रोफेसर बीके. त्रिपाठी, एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के प्रति कुलपति सेवानिवृत्त मेजर जनरल केके ओहरी(एवीएसएम) एवं विभागाध्क्ष, एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन डा. माला टंडन उपस्थित रहीं।
मुख्य अतिथि ने देश के उजजवल भविष्य के लिए बेहतर शिक्षा प्रणाली की वकालत की और कहा कि शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए शिक्षा नीतियों में परिणामी बदलावों की आवश्यकता है।
मुख्य वक्ता श्री बीके त्रिपाठी ने कहा कि, एक शिक्षक को अपने व्यवहार से किसी छात्र को आंकने वाली प्रवृत्ति मिटानी होगी। हम यह नहीं कह सकते कि अमुक छात्र औसत है या अमुक औसत से बेहतर क्यूकि हर छात्र अलग-अलग समाजिक वर्ग से आता है जिसका परिदृष्य और महौल उसकी क्षमता पर प्रभाव डालता है। हर छात्र को समान मौके उपलब्ध कराना शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ी चुनौती है।
इसके पूर्व प्रति कुलपति एमिटी विवि लखनऊ परिसर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें एमिटी विवि के बारे में अवगत कराया।
दिन के अन्य सत्र में शिक्षा प्रणाली की वर्तमान चुनौतियों और मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके अलावा उद्घाटन सत्र में ’नई शिक्षा नीति द्वारा शिक्षा प्रणाली में सुधार‘ पर एक पुस्त का विमोचन भी किया गया।