फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के सारथी बनेंगे सीएचओ
हमीरपुर
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को और धार देने के उद्देश्य से जनपद के स्वास्थ्य उपकेंद्रों में तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को ट्रेंड किया जा रहा है। इसी क्रम में मुस्करा सीएचसी के अंतर्गत आने वाले सभी सीएचओ को ट्रेनिंग दी गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.रामअवतार सिंह ने बताया कि जनपद में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। प्रतिवर्ष चलने वाले अभियान की वजह से नए रोगियों की संख्या में कमी आई है। अब इस कार्यक्रम को और ग्राउंड लेवल तक ले जाने को लेकर सीएचओ को ट्रेंड किया जा रहा है ताकि कहीं भी अगर फाइलेरिया ग्रसित मरीज मिलता है तो उसका सही तरीके से प्रबंधन किया जा सके और लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सके।
जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि मुस्करा सीएचसी में पाथ संस्था के डॉ.रविराज के जरिए मुस्करा ब्लाक के सीएचओ को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण में सीएचओ को फाइलेरिया के कारण, लक्षण, जांच और उपचार आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) और एमएमडीपी किट के उपयोग के बारे में जानकारी दी गई। एमएमडीपी किट का प्रयोग कर फाइलेरिया मरीज अपने दैनिक जीवन को सरल बना सकते हैं। प्रशिक्षण में ब्लाक के समस्त सीएचओ मौजूद रहे। प्रशिक्षण में सीएचसी के एमओआईसी डॉ.ब्रजेंद्र राजपूत, एचईओ प्रेमप्रकाश, बीसीपीएम पुष्पेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।
बसवारी गांव के सीएचओ विपिन्द्र सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण से उन्हें फाइलेरिया रोगी की पहचान और उसके प्रबंधन के साथ-साथ इस रोग की कितनी स्टेज होती हैं और कैसे मरीज का प्रबंधन करना है, इसके बारे में सीखने को मिला। मरीजों का सर्वे करने और साल में कम से कम एक बार निक्षय दिवस में फाइलेरिया ग्रसित मरीज को बुलाकर उनकी काउंसिलिंग करने के बारे में बताया गया। फाइलेरिया ग्रसित मरीज संकोच की वजह से बीमारी के बारे में चर्चा नहीं करते। जिसकी वजह से वह स्वस्थ लोगों के लिए कैरियर का काम करते हैं।
बांधुर बुजुर्ग की सीएचओ शबनम ने बताया कि ट्रेनिंग में जो जानकारी दी गई है, उसका प्रयोग वह फील्ड में करेंगी। अपने क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता के माध्यम से फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की पहचान कराएंगी।