भड़काऊ भाषणों पर चुनाव आयोग नाराज़, कंट्रोल में रहने की दी नसीहत
नई दिल्ली: नेताओं द्वारा जाति और धर्म को लेकर भड़काऊ भाषण देने पर चुनाव आयोग हुआ सख्त, खुद को कंट्रोल करने की दी नसीहतभारतीय चुनाव आयोग
उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव अंतिम पड़ाव पर है। चुनाव प्रचार के दौरान सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने जमकर भड़काऊ भाषण दिए। अब चुनाव आयोग ने इस पर नाराजगी जाहिर की है। चुनाव आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों को चिट्ठी लिखकर ऐसी भाषा का प्रयोग करने से बचने के लिए कहा है, जो धार्मिक आधार पर समाज को बांटते हों। आयोग ने सभी दलों को और उनके नेताओं को एमसीसी (Model code of Conduct) और आईपीसी का ध्यान रखने को कहा है।
ईसी द्वारा सभी राष्ट्रीय और प्रादेशिक राजनीतिक दलों के अध्यक्ष/महासचिव/ सचिव को लिखे पत्र में धर्म और जाति को लेकर दिए भड़काऊ भाषणों पर संयम बरतने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी जिक्र किया है, जिसमें धर्म और जाति के आधार पर वोट न मांगने की बात कही गई थी। सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संवैधानिक पीठ ने चुनाव से पहले दिए अपने अहम आदेश में कहा था कि प्रत्याशी या उसके समर्थकों के धर्म, जाति, समुदाय, भाषा के नाम पर वोट मांगना गैरकानूनी है। चुनाव एक धर्मनिरपेक्ष पद्धति है। इस आधार पर वोट मांगना संविधान की भावना के खिलाफ है।
ईसी ने पत्र में कहा गया है कि आयोग ने गौर किया है कि पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों के वांछित परिणाम नहीं मिले हैं। साथ ही चुनाव प्रचार में धर्म के घालमेल को रेखांकित करने वाले नेताओं के भड़काऊ बयान संज्ञान में आए हैं। आयोग ने कहा कि कुछ बयान ऐसे स्थानों से दिए गए, जहां आदर्श आचार संहिता लागू नहीं है।
चुनाव आयोग की निंदा ऐसे समय पर आई है। जब यूपी चुनाव को ध्यान में रखते हुए नेताओं की ओर से धर्म और जाति को लेकर खूब बयानबाजी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फरवरी को फतेहपुर में समाजवादी पार्टी पर धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, “अगर एक गांव में कब्रिस्तान हो सकता है तो श्मशान घाट भी होना चाहिए। अगर रमजान में बिजली आनी चाहिए तो दिवाली पर क्यों नहीं। अगर होली के दौरान बिजली आती है, तो ईद के दौरान भी आनी चाहिए। पीएम मोदी के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का बयान आया था, जिसमें विरोधी दलों पर निशाना साधने के लिए ‘कसाब’ शब्द का उपयोग किया गया था। उन्होंने कहा, ‘क’ से कांग्रेस, ‘सा’ से समाजवादी पार्टी और ‘ब’ से बसपा। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने देवरिया रैली में शनिवार को कहा,”मुस्लिम समाज समाजवादी पार्टी को वोट न करें, नहीं तो उनका वोट बेकार चला जाएगा। मायावती ने कहा कि एसपी को वोट करने से सीधे सीधे बीजेपी को फायदा होगा।”