चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने विश्वासमत जीत लिया है. शक्ति परीक्षण के दौरान पलानीस्वामी के पक्ष में 122 वोट पड़े. 11 सदस्यों ने पलानीस्वामी के विरोध में वोट दिया.

डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायकों की पिटाई की गई और उन्हें जबरन सदन से बाहर निकाला गया. ऐसे में द्रमुक विधायक शक्ति परीक्षण में हिस्सा नहीं ले पाएं. पन्नीरसेल्वम के समर्थकों ने भी कहा कि उन्हें धमकाया गया और उनकी गुप्त मतदान की मांग खारिज कर दी गई.

शक्ति परीक्षण के दौरान पूरी तरह सदन की मर्यादा तार-तार हो गई. मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी की ओर से पेश किए गए विश्वासमत प्रस्ताव के दौरान जमकर हंगामा हुआ.

शशिकला के समर्थकों को छोड़कर सभी विपक्षी सदस्यों ने गुप्त मतदान के जरिए स्पीकर शक्ति परीक्षण की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष ने इस मांग को खारिज कर दिया, जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ.

हंगामा करते हुए ये विधायक सदन के वेल तक पहुंच गए. गुप्त मतदान की मांग कर रहे द्रमुक विधायक कागज फाड़ने लगे. उन्होंने सदन में रखी कुर्सियां फेंकी और माइक्रोफोन तोड़ डाले. यहां तक कि विधानसभा में अफरातफरी मच गई. स्पीकर की कमीज फाड़ दी गई और उनकी बेइज़्जती की गई. खुद विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी पुष्टि की.

सदन में इस तरह के माहौल को देखते हुए पुलिस को अंदर बुलाना पड़ा. बाद में स्पीकर को सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में बाहर ले जाया गया. शक्ति परीक्षण के दौरान इस दौरान द्रमुक विधायकों ने पन्नीरसेल्वम के समर्थन में जमकर नारे लगाए. ऐसे में विधानसभा की कार्यवाही पहले दोपहर एक बजे और फिर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.