कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में जारी भारत जोड़ो यात्रा सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में पहुंची। इस दौरान कश्मीरी पंडितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से मुलाकात की और अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी दी, जिसमें आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की टारगेट हत्याएं भी शामिल थीं। उन्होंने राहुल गांधी को जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर जगती प्रवासी बस्ती का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया।

कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि कांग्रेस नेता ने उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि उनकी गांधी के साथ अच्छी बातचीत हुई, जिन्हें समुदाय की विभिन्न समस्याओं के बारे में जानकारी दी गई, विशेष रूप से उनके बारे में जो प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत भर्ती किए गए और घाटी में तैनात हैं। कश्मीरी पंडितों ने राहुल गाँधी से कहा कि ये लोग (BJP) कश्मीरी पंडितों का सिर्फ इस्तेमाल करते हैं। इन्होंने हमारे नाम का सिर्फ और सिर्फ इस्तेमाल किया है, कुछ किया नहीं। जब भी चुनाव आता है तो वोट के लिए कश्मीरी पंडित का नाम लेते हैं।’

कश्मीरी पंडितों ने बताया कि राहुल गांधी को सूचित किया गया कि साल 2022 में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की टारगेट हत्याओं के मद्देनजर घाटी छोड़ने के बाद इन प्रवासी कर्मचारियों के सात महीने के वेतन का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि राहुल गांधी ने संसद के अंदर और बाहर उनकी समस्याओं को उठाने का वादा किया।

घाटी में काम करने वाले अधिकांश प्रवासी कश्मीरी पंडित कर्मचारी मई 2022 में उस समय डर के मारे बाहर चले गए, जब आतंकवादियों ने राहुल भट को बडगाम जिले में उनके कार्यालय के अंदर घुसकर जान से मार डाला। प्रतिनिधिमंडल ने घाटी के बाहर रहने वाले प्रवासी परिवारों को दी जाने वाली राहत में वृद्धि की मांग भी उठाई। राहुल गांधी ने उनकी मांगों को उठाने का भरोसा दिया।