दिल्ली:
दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। 72 घंटे बीत जाने के बाद भी इस मामले में भारतीय महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोपी भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पीएम मोदी, उनकी पार्टी बीजेपी और उनके नेता इस मुद्दे पर चौतरफा घिरे हुए हैं।इस बीच इस मुद्दे पर ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंद्र सिंह और राजस्थान राज्य खेल परिषद अध्यक्ष और ओलम्पियन कृष्णा पूनिया प्रेस से मुखातिब हुए और यौन शोषण के आरोपी भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर तुरंत कार्रवाई की मांग की।

राजस्थान खेल परिषद अध्यक्ष कृष्णा पूनिया ने कहा, “जब समाज से कोई लड़की निकल कर अपने आपको आगे बढ़ाना चाहती है तो सबसे पहले उसकी लड़ाई समाज से होती है। वो लड़की उन जद्दोजहद से निकलकर दिन-रात एक करके, पसीना बहाकर देश के लिए मेडल जीतने की सोचती है। जब वह इस मुकाम पर जा रही होती है तो बीच में एक खबर आती है कि भारतीय कुश्ती संघ के जो अध्यक्ष हैं, बृजभूषण शरण सिंह वो यौन शोषण करते हैं। यह उस बेटी द्वारा आरोप लगाए गए हैं, जिसे प्रधानमंत्री ने कहा था कि तुम हमारी बेटी हो। उसी बेटी ने सवाल दागा है कि क्या इस देश में बेटी पैदा होनी ही नहीं चाहिए। इससे ज्यादा तकलीफ और दर्द की बात क्या हो सकती है? साथ-साथ मैं यह भी सवाल करती हूं कि एक तरफ तो हमारा देश पदक चाहता है और दूसरी तरहफ हम देखते है कि उन्हीं बेटियों का यौन शोषण होता है। आने वाली पीढ़ी, क्या वह मां-बाप अपने बच्चों को स्पोर्ट्स में भेजना चाहेंगे?”

कृष्णा पूनिया ने कहा, “मैं यहां पर विनेश फोगाट और उन सभी पहलवानों का धन्यवाद देती हूं कि इस मंच पर आकर उन्होंने इस बात को उठाया है। लेकिन तकलीफ इस बात की है कि माननीय प्रधानमंत्री जी को जब विनेश फोगाट ने करीब सवा साल पहले ही इन बातों से अवगत करा दिया था तो इस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?”

पूनिया ने आगे कहा, “72 घंटे के बाद भी यह शर्मनाक बात सड़कों पर चल रही है, लेकिन बीजेपी के नेताओं के द्वारा कोई ऐसा कदम नहीं उठाया गया। आपको ध्यान दिलाना चाहूंगी कि हरियाणा के मंत्री के द्वारा भी एक लड़की के साथ इसी तरीके की बात सामने आई थी। यह बात करीब डेढ़ महीने पहले की ही है, वह बात वहीं खत्म हो गई। क्या ऐसा ही इन पहलवानों के साथ भी होने वाला है। मैं महिला हूं, यह पीड़ा समझ सकती हूं। मैं उन दिनों को याद करती हूं, जब हम मेडल जीतकर आते थे। तब हमारे साथ हर कोई फोटो खिंचवाने के लिए तैयार रहता था। जब हमारी बेटियों का चीरहरण होता है तो उसके साथ कोई क्यों नहीं खड़ा होता है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ यह एक नारा है। इस नारे को बीजेपी के नेता तार-तार कर चुके हैं। बेटियों को इन नेताओं से बचाने की जरूरत है। मेरी मांग है कि जो फेडरेशन है वह पूरी तरह से भंग होनी चाहिए।”

मुक्केबाज और ओलंपिक पदक विजेता विजेंद्र सिंह ने प्रेस से बात करते हुए कहा, “अपने साथियों और अपनी बहनों का साथ देने के लिए मैं जंतर-मंतर पर था। एक मुक्केबाज और साथी होने के नाते मैं वहां गया था। धीरे-धीरे वहां पहलवान आएंगे, उनसे फोन पर मेरी बात हुई है।विनेश फोगाट ने फेडरेशन के चीफ पर जो आरोप लगाए हैं वह बहुत गंभीर आरोप हैं। मैं मानता हूं कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री का इतनी लंबी चुप्पी साधना निंदनीय और शर्मनाक बात है। इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। आईपीसी की जो भी धाराएं लगती हैं, उसके तहत इस पक एक्शन लिया जाना चाहिए।”

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जंतर-मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन को 72 घंटे से ऊपर हो गया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि देश ही नहीं दुनिया की बेहतरीन खिलाड़ियों ने, उन बेटियों ने जिन्होंने भारत का परचम दुनिया में लहराया उन्हें जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है। उनके आंखों से आंसू हैं और सरकार खामोश है। यह बेहद निंदनीय है।

उन्होंने कहा, “कठघरे में WFI के चीफ और बीजेपी सांसद जरूर हैं, लेकिन उससे ज्यादा आज कठघरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। यह मैं बिना कारण के नहीं बोल रही हूं। विनेश फोगाट ने अपने पहले दिन की प्रेस कांफ्रेस में कहा था कि उन्होंने अपने परिवार के साथ जाकर साल 2021 के अक्टूबर महीने में पीएम मोदी को सारी सच्चाई से वाकिफ कराया था। अपनी जान पर होने वाले हमले का अंदेशा भी जाता था। मोदी जी ने कहा था कि तुम्हें कुछ नहीं होगा। मोदी जी ने सार्वजनिक रूप से फोगाट को अपनी बेटी कहा था। तो आज सवाल यह है कि जब एक महिला एथलीट इस देश के प्रधानमंत्री के पास जाकर फेडरेशन में हो रहे यौन शोषण के बारे में अक्टूबर 2021 में बताती है तो सवा साल तक मोदी जी ने क्या किया? वह इस पर चुप क्यों रहे? क्या कार्रवाई हुई? WFI चीफ और बीजेपी सांसद अपने पद पर अभी भी बरकरार हैं। कोई जांच नहीं हुई। कोई सवाल जवाब नहीं पूछा गया। मामले आखिर कब कार्रवाई होगी?”