अब सभी चुनाव अकेले लड़ेगी बसपा, जन्मदिन पर मायावती का एलान
लखनऊ:
पार्टी सुप्रीमो के 67वें जन्मदिन पर बहुजन समाज पार्टी ने इस बरस होने वाले सभी विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करने का एलान किया है. लखनऊ में मीडिया को संबोधित करते हुए बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि 2023 में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और जहां भी चुनाव होंगे बीएसपी सभी चुनाव अकेले लड़ेगी. इसके अलावा लोकसभा चुनाव में भी पार्टी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी.
मायावती ने इस दौरान समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि सपा सरकार ने संसद में एससी और एसटी आरक्षण पास नहीं होने दिया बल्कि उसने संसद में बिल का पर्चा भी फाड़ा. बीएसपी सरकार में एससी-एसटी के लोगों को उनका हक दिया गया. बीएसपी ने संतों-गुरुओं का भी आदर-सम्मान किया. हालांकि दूसरे दलों की सरकारों में ऐसा नहीं हुआ.
मायावती ने उपेक्षित वर्ग के लोगों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें बीएसपी को सत्ता में जरूर लाना होगा तभी बाबा साहब के दिए हुए कानूनों का लाभ मिल सकता है और यह लोग अपने आत्म सम्मान की जिंदगी जी सकते हैं. अगर ये ऐसा करते हैं तो यह मेरे लिए जन्मदिन पर सबसे अहम तोहफा होगा, इससे ज्यादा मुझे उनसे कुछ नहीं चाहिए.
इस दौरान मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी पर भी निशाना साधा. बीएसपी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने केंद्र में लंबे समय तक रहने के बाद भी मंडल कमीशन को लागू नहीं होने दिया. अब बीजेपी भी यही कर रही है. आरक्षण के हक को मार रही है. जिसकी वजह से इस बार निकाय चुनाव प्रभावित हुए हैं. सपा ने भी हमेशा छल करने का काम किया है.
देश के अल्पसंख्यकों को लेकर मायावती ने कहा कि उन्हें याद दिलाना जरूरी है कि बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि हम लोगों को अपने खुद के पैरों पर खड़ा होना है. भाईचारा बनाकर रखना होगा, सत्ता की चाभी अपने हाथों में लेनी होगी. जातिवादी लोगों के चलते उन लोगों को हक नहीं मिला. आरक्षण के प्रति सभी दल कांग्रेस-बीजेपी-सपा कोई ईमानदार नहीं रहा है. वहीं देश में ईवीएम से चुनाव कराए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि देश की जनता के मन में ईवीएम को लेकर आशंकाएं हैं. इसे दूर करने के लिए बेहतर होगा कि आगे के चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएं.
मीडिया को संबोधित करते हुए हा कि मेरी पार्टी ने लोगों के हित में नई नई योजनाएं आरंभ की हैं. जातिवादी-पूंजीवादी पार्टियों को ये अच्छा नहीं लगा. इसी वजह से बीएसपी के खिलाफ हर तरह के हथकंडे अपनाकर बीएसपी को आगे बढ़ाने और सत्ता में आने से रोका है. कांग्रेस-बीजेपी जैसी पार्टियों की वजह से शुरू से यहां गरीबी-बेरोजगारी बढ़ी है, किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी सभी दुखी हैं.
मायावती ने अपने जन्मदिन के अवसर पर किताब का विमोचन भी किया. वह बीते 18 सालों से अपने जन्मदिन के अवसर अपने द्वारा संपादित की गई पुस्तक का विमोचन कर रही हैं. इस बार उन्होंने जिस पुस्तक को लॉन्च किया है उसका नाम है- मेरे संघर्षमय जीवन और बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा.