वैलेंटाइन डे पर होगा वाजिद अली शाह महोत्सव का आयोजन

लखनऊ: नवाबों का शहर, इस साल वैलेंटाइन डे के मौके पर सुर्ख रंग में रंगा होगा क्योंकि रूमी फाउंडेशन का लखनऊ चैप्टर , नवाब वाजिद अली शाह की सृजनशील प्रतिभा का जश्न मना रहा है और मुज़फ्फर अली के निर्देशन में चौथे सालाना वाजिद अली शाह महोत्सव का आयोजन कर रहा है। इस महोत्सव का आयोजन उत्तरप्रदेश पर्यटन दिवस के मौके पर लखनऊ के दिलकुशा बाग़ में होगा। इस महोत्सव में नृत्य-नाटिका, रंग की प्रस्तुति होगी जो शास्त्रीय नृत्य शैली कथक और शास्त्रीय सुगम संगीत के सम्मान में समर्पित होगी जिसे नवाब वाजिद अली शाह ने संरक्षण दिया था।

यह महोत्सव अवध के आखिरी नवाब अप्रतिम सृजनात्मक प्रतिभा का जश्न होगा जो विलक्षण गुणों वाले शासक थे और अवध की शास्त्रीय कलाओं के कद्रदान थे। उनके शासनकाल में प्रदर्श कलाएं फली-फूलीं क्योंकि उन्होंने अवधी क्षेत्र के कलाकारों को प्रोत्साहन दिया और इस तरह आने वाले समय की धारा तय हुई।
नवाब के इस मिजाज़ का जश्न मनाने वाले रूमी फाउंडेशन के वाजिद अली शाह महोत्सव का लक्ष्य है अवध की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और इसे सबसे सुरुचिपूर्ण स्वरूप में पेश करना। यह महोत्वस अवध की सांस्कृतिक विरासत की याद ताज करने और गुजरे जमाने के तिलस्म और जुनून को फिर से जगाने का मौका है। यह बातें महोत्सव के निदेशक और प्रसिद्ध फिल्म कार और पेंटर मुज़फ्फर अली ने अपने निवास पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहीं।

मुज़फ्फर अली ने कहा, ‘‘वाजिद अली शाह महोत्सव ने न सिर्फ इस शहर के लोगों के दिलों में जगह बनाई है बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा दिया है क्योंकि दुनिया भर के बहुत से लोग हर साल इस समारोह के आयोजन का इंतजार करते हैें। इसने अवध की क्षेत्रीय संस्कृति के प्रोत्साहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गंगा-जामुनी तहजीब शाम-ए-अवध की याद है जहां संस्कृति के अनुरागी लोग काव्यात्मक रचनाओं, भावप्रवण संगीत, घुंघरू की रुन-झुन, गुलाब के शरबत के झांकें और अवध की सत्व में डूबी शामों का आनंद लेने के लिए इकट्ठा होते थे। फाउंडेशन इस विरासत को आगे बढ़ा रहा है ताकि आज के लोग इस समृद्ध विरासत और अपनी जड़ों से वाक़िफ़ हो सकें। ‘‘

मुज़फ्फर अली ने लखनऊ को नवाब वाजिदअली शाह के ख्वाबों का शहर बताते हुए कहा की लखनऊ में अगर वाजिदअली शाह की खुशबू भी बाक़ी रहे तो लखनऊ बहुत बेहतर शहर बन जायेगा ।

इस मौक़े पर मौजूद लखनऊ घराने कत्थक गुरु अनुज मिश्रा ने बताया कि कथक, क़व्वाली और ठुमरी का संगम लखनऊ वालों को पहली बार देखने को मिलेगा जो एक अद्भुत माहौल पैदा करेगा।

श्री जयंत कृष्णा ने वाजिदअली शाह को king of the people बताते कि अंग्रेजों ने उनकी नकारात्मक तस्वीर पेश की। उन्होंने नवाब वाजिदअली शाह को सुधारक बताते हुए कहा की अवध में आर्ट और कल्चर में उनसे अधिक काम किसी ने नहीं किया।

श्री तारिक़ खान ने कि पैग़ामे मोहब्बत का फलसफा दुनिया को पहुँचाना रूमी foundatiion का उद्देश्य है । श्री मुमताज़ अली ख़ान महोत्सव के बारे बताते हुए कहा कि इस महोत्सव ने अपने दर्शकों में अपने लिए एक विशिष्ट स्थान बनाया है और यह लखनउळ के बाशिंदों और पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण बनकर उभरा है। वाजिद अली शाह महोत्सव उत्तरप्रदेश पर्यटन समेत कार्पोरेट प्रायोजकों का समर्थन मिला है जिनमें से इंडिया ग्लाकोल्स और हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स का समर्थन 2013 में आयोजित पहले संस्करण से ही मिल रहा है।