भोपाल : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि किसी को दूसरे की देशभक्ति नापने का अधिकर नहीं है, यह अधिकार उनको भी नहीं है, जिन्हें लगता है कि वे देश चला रहे हैं। भागवत ने मध्यप्रदेश के भोपाल में एक बुक लॉन्च समारोह में यह बात कही। भागवत ने कहा, ‘दूसरों की देशभक्ति नापने का अधिकार किसी को भी नही हैं। कोई अपने आपको देश का कर्ताधर्ता भी माने तो भी किसी की देशभक्ती नाप नहीं सकता और नाप कर बोल नहीं सकता।’
साथ ही भागवत ने कहा कि देशभक्ति किसी एक की संपत्ति नहीं है। हम लोग इसके लिए नैतिक रूप से बंधे होते हैं, यह दिखाने वाली चीज नहीं है।

भागवत का यह बयान उस विवादित भाषण के बाद आया है, जिसमें आरएसएस प्रमुख ने मध्यप्रदेश के बैतुल में विराट हिंदू सम्मेलन में कहा था कि भारत में पैदा हुआ हर एक शख्स हिंदू है। संघ प्रमुख भागवत ने हिंदू सम्मेलन में हिंदुस्तान और हिंदू की व्याख्या की थी। भागवत ने कहा था कि जैसे इंग्लैड में इंग्लिश लोग रहते हैं, अमेरिका में अमेरिकी लोग और जर्मनी में जर्मन लोग रहते हैं, ठीक उसी तरह हिंदुस्तान में हिंदू रहते हैं। हिंदुस्तान के लोग भारत माता को अपनी मां मानकर उसकी भक्ति करते हैं। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा भारत माता की आरती करने पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए, क्योंकि वे हिंदू हैं इसलिए वह तो भारत माता की आरती करेगा ही, क्योंकि इबादत से वे मुसलमान हो गए, मगर राष्ट्रीयता से तो हिंदू हैं।

साथ ही भागवत ने हिंदू सम्मेलन में मौजूद लोगों को भारत की विविधता को ही एकता का प्रतीक बताया था। साथ ही सभी से जात-पात, भाषा, धर्म से ऊपर उठकर देश के लिए एकजुट होने का आह्वान किया था।