राशन कार्ड पर आधार कार्ड की अनिवार्यता जान विरोधी कदम: मायावती
लखनऊ: सरकारी राशन कार्ड पर आधार कार्ड की अनिवार्यता को बसपा सुप्रीमो मायावती ने गरीब व जान विरोधी निर्णय बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीखी आलोचना की है । मायावती ने कहा कि बीजेपी व नरेन्द्र मोदी सरकार अपनी ग़लत नीतियों व कार्यकलापों से देश की करोड़ों ग़रीब ईमानदार आमजनता का जीना काफी ज्यादा मुश्किल करती जा रही है।
मायावती ने कहा, वास्तव में कैशलेस अर्थात् बिना नगदी लेन-देन वाली व्यवस्था देश में सुविधाजनक बनाने के बजाय इसको काफी सख़्ती से लागू करने के नाम पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार व बैंक द्वारा रोज नये-नये नियम व क़ानून बनाकर आमजनता का जीवन लगातार कष्टदायी बनाया जा रहा है, जबकि कालाबाजारी, भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी आदि जनसमस्या हर स्तर पर लगातार बढ़ती ही जा रही है और देश की आमजनता इसकी चक्की में बुरी तरह से पिस रही है, जबकि बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों को श्री नरेन्द्र मोदी सरकार जनता के बैंकों में जमा धन के बल पर और भी ज़्यादा धनवान बनाती चली जा रही है।
बीजेपी व मोदी सरकार की अगर ऐसी जनविरोधी नीतियाँ जारी रही तो वह दिन दूर नहीं जब किसानों के साथ-साथ अति ग़रीब आमजनता व बेरोजगारों व युवाओं आदि का भी जीवन काफी निराशा से भर जायेगा। बीजेपी व श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की इस प्रकार की ग़रीब-विरोधी नीतियाँ व कार्यकलापों की तीव्र निन्दा करते हुये बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी ने केन्द्र सरकार से व्यापक जनहित में अपना अहंकारी रवैय त्याग कर इस प्रकार की जनविरोधी नीति बदलने की माँग की।
बसपा मुखिया ने कहा कि बिजनौर की आजकी चुनावी जनसभा में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रदेश की सपा सरकार को घोर निकम्मी, भ्रष्टाचारी व भ्रष्टाचारियों की संरक्षक के साथ-साथ कुनबे वाली पार्टी आदि बुराइयों के गिनाये जाने पर सुश्री मायावती जी ने कहा कि अखिलेश सरकार के इस प्रकार के काले कारनामों के बारे में जो कुछ नरेन्द्र मोदी ने बताया है वह कोई नयी बात नहीं है। यह प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरा देश जानता है कि वह एक दाग़ी चेहरा है, परन्तु प्रदेश की आमजनता को श्री नरेन्द्र मोदी यह क्यों नहीं बताते कि देश के प्रधानमंत्री होने के नाते व यू.पी. के सांसद होने के नाते उन्होंने सपा सरकार की इस प्रकार की तमाम बुराइयों की रोकथाम के लिये क्या कानूनी व संवैधानिक कार्रवाई की? और अगर कोई कार्रवाई नहीं की तो इसके पीछे उनकी क्या मजबूरी थी?
साथ ही बीजेपी व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार अपनी चुनावी वादाख़िलाफियों के बारे में आमजनता को कुछ क्यों नहीं बताते हैं। उन्हें बताना चाहिये कि विदेशों में जमा कालाधन उनकी सरकार बन जाने के लगभग 1,000 दिनों के बाद भी अब तक क्यों नहीं आया तथा गंगा अभी तक क्यों मैली की मैली है जबकि ’गंगा सफाई अभियान’ के मद में पिछले तीन वर्षों में ही जनता की गाढी कमाई का अरबों रूपया खर्च कर दिया गया है। इस मामाले में भी वह कांग्रेस पार्टी से अलग है क्या?
इसके अलावा, प्रदेश की सपा सरकार के तमाम काले कारनामों व अन्य और भी कमियों व विफलताओं के बारे में तथा ख़ासकर अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था की बदहाली के बारे में जो-जो बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार अपनी रैलियों में गिना रहे हैं उसे दूर करना बीजेपी के बस की बात नहीं है, क्योंकि केवल वह जब दिल्ली जैसे छोटे केन्द्र शासित प्रदेश को सही से संभाल नहीं पा रही है तो उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की कानून-व्यवस्था कैसे संभाल पायेगी। वैसे भी प्रदेश की जनता ने भाजपा के जंगलराज जैसी ही राजकाज की व्यवस्था छह से अधिक वर्षों तक यहाँ के लोगों ने देखी है जिस कारण इनको अपनी सरकार तक गवानी पड़ी थी।
मायावती ने कहा कि ख़ासकर अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था एवं विकास के ऐतिहासिक निर्णय लेने के मामले में प्रदेश की जनता का अटूट विश्वास केवल और केवल बी.एस.पी. के मज़बूत नेतृत्व पर ही है और बी.एस.पी. जनता के इस विश्वास को हर कीमत पर कायम रखेगी।