तीन घंटे तक जाट नेताओं को मनाते रहे अमित शाह
नई दिल्ली: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों की नाराजगी की खबरों के बीच बीजेपी ने उन्हें साथ लेने की कवायद तेज़ कर दी है. इलाक़े के प्रमुख जाट नेताओं से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में मंगलवार रात को करीब 3 घंटे मुलाकात कर उनकी शिकायतों को दूर करने की कोशिश की. शाह की जाट नेताओं से यह मुलाकात हरियाणा के प्रमुख जाट नेता और केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह के घर हुई. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में शाह ने पहले दो घंटे जाट नेताओं की बीजेपी और मोदी सरकार से तमाम शिकायतें सिलसिलेवार ढंग से सुनीं. इन नेताओं ने हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन का जिक्र किया और कहा कि बीजेपी ने अपना वादा पूरा नहीं किया. जाट नेताओं ने केंद्र में आरक्षण की मांग दोहराई और यह भी पूछा कि गन्ना किसानों को उचित दाम दिलाने के 2014 लोकसभा चुनाव से पहले किए गए वादों का क्या हुआ? जाट नेता मुजफ्फरनगर दंगे के बाद जेलों में बंद युवाओं की रिहाई में देरी को लेकर भी सवाल उठा रहे थे और उनका यह भी कहना था कि स्थानीय सांसद समस्याओं को नहीं सुन रहे.
सूत्रों के अनुसार, शाह ने दो घंटे इन नेताओं की बात सुनने के बाद अपनी बात शुरू की. शाह ने इन नेताओं से कई सवाल पूछे. शाह ने पूछा कि अगर वह बीजेपी को वोट नहीं देना चाहते तो ये जरूर बताएं कि वे किसे वोट देंगे? क्या वे अजित सिंह को वोट देंगे जो अगर चालीस सीट भी जीत लें तो मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे.
क्या वे सपा-कांग्रेस गठबंधन को वोट देंगे जिन पार्टियों ने जाटों को आरक्षण देने के खिलाफ कोर्ट में हलफ़नामा दिया था या मायावती की बीएसपी को वोट देंगे जिसमें जाटों को न के बराबर टिकट दिए और सौ से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे?
शाह ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा जाटों का साथ दिया, वह चाहे यूपी हो, हरियाणा या फिर राजस्थान. शाह ने कहा कि यूपी में जाटों को आरक्षण तब दिया जब रामप्रकाश गुप्ता की अगुवाई में बीजेपी सरकार थी. राजस्थान में भी वसुंधरा राजे सरकार ने जाट आरक्षण दिया जबकि वहां कांग्रेस ने इसका विरोध किया था. हरियाणा में भी संतोषजनक समाधान निकालने का प्रयास किया गया.
इसी तरह गन्ना ख़रीद का बक़ाया देने के बारे में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में साफ जिक्र किया है. शाह ने किसानों का क़र्ज़ माफ़ करने का वादा भी दोहराया. शाह ने बताया कि बीजेपी ने बड़ी संख्या में जाट उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. उन्होंने अजीत सिंह के चुनाव क्षेत्र बागपत का ख़ासतौर से जिक्र किया जहां की पांचों विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जाट उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं.