कंगाली की कगार पर कांबली
स्पोर्ट्स डेस्क
सचिन तेंदुलकर के साथ क्रिकेट का सफर शुरू करने वाले विनोद कांबली इन दिनों बेहद तंगहाली में जीवन बिता रहे हैं. उनकी कमाई का एकमात्र जरिया बीसीसीआई से मिलने वाली पेंशन रह गई है, कांबली कभी लाखों में कमाते थे, लेकिन फिलहाल काम की तलाश कर रहे हैं. विनोद कांबलीऔर सचिन तेंदुलकर के गुरु रमाकांत आचरेकर ने भी मास्टर ब्लास्टर से ज्यादा टैलेंटेड कांबली को ही माना था. लेकिन इसे किस्मत का खेल ही कहेंगे कि सचिन आसमान की बुलंदियों पर पहुंच गए और विनोद कांबली अर्श से फर्श पर आ गए. एक रिपोर्ट के मुताबिक कांबली को बीसीसीआई से मिल रही 30 हजार रुपये मासिक पेंशन से गुजारा करना पड़ रहा है.
2022 की शुरुआत में आए एक डाटा के अनुसार कांबली की सालाना आय सिर्फ 4 लाख रुपये ही रह गई है. उनके पास मुंबई में खुद का घर ज़रूर है लेकिन मुंबई जैसे शहर में जीवन यापन के लिए यह नाकाफी है. वैसे उनके पास रेंज रोवर कार भी है. कोरोना महामारी के बाद से उनकी हालत लगातार खस्ता होती गई. हालाँकि कोरोना काल से पहले वह कुछ अन्य कामों से ठीक ठाक पैसे कमा लेते थे लेकिन कोरोना के कारण वह सारे काम बंद हो गए. कांबली ने साल 2019 में आखिरी बार किसी टीम की कोचिंग की थी, तब वह टी-20 मुंबई लीग में जुड़े थे. उसके बाद साल 2020 में कोरोना वायरस ने देश-दुनिया में दस्तक दी. इसके बाद से न केवल अन्य देशवासियों के लिए बल्कि कांबली के लिए भी चीजें बदल गईं.
विनोद कांबली अपने क्रिकेट करियर से ज्यादा विवादों के चलते सुर्खियों में रहे. अभी कुछ वक्त पहले ही कांबली तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्हें नशे में गाड़ी चलाने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया था. फरवरी, 2022 में विनोद कांबली ने नशे में ड्राइविंग करते हुए एक गाड़ी में टक्कर मार दी थी, उनके खिलाफ शिकायत हुई तो पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया. हालांकि, कुछ वक्त बाद ही उन्हें बेल भी मिल गई थी.
विनोद कांबली ने भारत के लिए कुल 104 वनडे मैच, जबकि 17 टेस्ट मैच खेले हैं. उन्होंने भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 3,561 रन बनाए हैं, इनमें चार शतक टेस्ट में और दो शतक वनडे में शामिल हैं. विनोद कांबली ने भारत के लिए 1991 में वनडे डेब्यू किया था, जबकि साल 2000 में उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच खेला था.