पटना:
बिहार के मुख्यमंत्री नितीश के कभी बेहद करीबी माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने जनता दल यूनाइटेड की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. आरसीपी सिंह ने आज अपने गांव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेडीयू छोड़ने की घोषणा की. जनता दल यूनाइटेड के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर पार्टी ने अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से जवाब मांगा था.

उमेश सिंह कुशवाहा ने सिंह को पत्र में लिखा है, ‘‘आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे माननीय नेता (नीतीश कुमार) भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के साथ काम कर रहे हैं और वह अपने लंबे राजनीतिक करियर में बेदाग रहे हैं.” पत्र के साथ पार्टी के अज्ञात कार्यकर्ताओं द्वारा सिंह के खिलाफ की गई शिकायत को भी संलग्न किया गया है.

जेडीयू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच ‘‘बड़ी संपत्ति” अर्जित की गई. पत्रकारों के एक सवाल पर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, ‘‘यह खुलासा करना उचित नहीं है कि आरोप किसने लगाए हैं. लेकिन स्पष्टीकरण मांगा गया है. पार्टी उनके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगी.”

उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह ने 1990 के दशक के अंत में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए नीतीश कुमार का विश्वास जीता था. उस समय नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री थे. सिंह ने राजनीति में आने के लिए 2010 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी.

आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री के रूप में पहले पांच वर्षों के दौरान प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया था. बाद में जेडीयू में सिंह का वर्चस्व बढ़ता गया, जिसे इस तथ्य से समझा जा सकता है कि उन्हें लगातार दो बार राज्यसभा भेजा गया. नीतीश कुमार के बाद सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए.