मायावती अब नहीं बनवाएंगी मूर्तियां
मुजफ्फरनगर की चुनावी रैली में बसपा सुप्रीमो ने किया वादा
मुज़फ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में रैली के दौरान मायावती ने कहा है कि अगर वह दोबारा सत्ता में आई तो मूर्तियोंका निर्माण नहीं करेंगी। मायावती ने कहा कि “अब आने वाले कार्यकाल में मूर्ति स्थापित नहीं की जाएगी, क्योंकि यह काम पहले ही पूरा कर लिया गया है। इस बार मेरी पूरी ताकत हर स्तर पर प्रदेश की जनता को सुरक्षित रखने और विकास में लगेगी। मरी सरकार गरीबों को लैपटॉप-मोबाइल की जगह आर्थिक मदद देंगे।” वहीं मायावती ने जमकर तमाम विपक्षी दलों पर निशाना साधा। उन्होंने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ बोलते हुए कहा कि मुलायम ने पुत्र मोह में शिवपाल को अपमानित किया है।
उन्होंने आगे कहा “सपा के दोनों खेमे एक दूसरे को हराएंगे। ऐसी स्थिति में अल्पसंख्यक समाज के लोग अगर सपा के उम्मीदवारों को वोट देते हैं तो नुकसान होगा और बीजेपी को फायदा होगा। ऐसे में अल्पसंख्यक समाज को बीएसपी को वोट करना चाहिए।” वहीं मायावती ने बीजेपी की नोटबंदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सिर्फ हवा-हवाई वादे किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर राज्य में बीजेपी या सपा सत्ता में आती है, तो यूपी नरक बन जाएगा। उन्होंने कहा कि दंगे अचानक नहीं होते, बल्कि प्लैन किए जाते हैं और इन दंगों से आम आदमी का नुकसान होता है।
मायावती ने 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे, दादरी कांड का हवाला देते हुए सपा सरकार पर खराब कानून व्यवस्था को लेकर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने आज आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी ने उत्तरप्रदेश में गुंडाराज कायम कर दिया है और महिलाओं के खिलाफ बेइंतहा अत्याचार किए जा रहे हैं। एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी ने राज्य ने कोई विकास नहीं किया है। बहुत से अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है और राज्य में अपराध, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि केन्द्र में पार्टी के तीन साल के शासन में कोई विकास नहीं हुआ। कांग्रेस को भी आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपने 27 वर्ष के शासन और केन्द्र में 54 वर्ष के शासन के दौरान कुछ नहीं किया। मायावती ने आरोप लगाया, ‘‘सपा और भाजपा आरक्षण समाप्त करने की योजना बना रही हैं। मुजफ्फरनगर में दंगे सपा और भाजपा की मिलीभगत से हुए।’’