टीम इंस्टेंटखबर
ईरान की इस्लामी व्यवस्था के संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह. की आज 33वीं बरसी मनाई गयी। इस अवसर पर इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामनेई ने स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह. के मज़ार में आयोजित विशेष कार्यक्रम में कहा कि दुश्मन ईरानी राष्ट्र को इस्लामी व्यवस्था के मुकाबले में नहीं ला सकते।

कोरोना के दो वर्ष बाद स्वर्गीय इमाम खुमैनी रह. के मज़ार पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने भारी जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि निश्चित रूप से आज धर्म और क्रांति की ओर लोगों का रुझान क्रांति के आरंभ से अधिक है और इसके लिए उन्होंने प्रतिरोध और धर्मगुरूओं के दफ्न समारोह में लोगों की भारी उपस्थिति को उदाहरण स्वरूप पेश किया।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च ने जनरल शहीद कासिम सुलैमानी के टुकड़े -टुकड़े हो चुके पार्थिक शरीर के दफ्न समारोहों में लाखों की संख्या में लोगों की उपस्थिति और इसी प्रकार आयतुल्लाह साफी गुलपायेगानी और आयतुल्लाह बहजत जैसे महान धर्मगुरूओं की शवयात्रा में लोगों की भारी उपस्थिति की ओर संकेत किया और कहा कि इन हस्तियों की शवयात्रा में लोगों की भारी उपस्थिति धर्म, धार्मिक हस्तियों, जेहाद और प्रतिरोध के प्रति लोगों की आस्था की सूचक है।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने एक के बाद एक दुश्मनों के गलत विश्लेषण में कुछ गद्दार व विश्वासघाती ईरानी सलाहकारों की भूमिका की ओर संकेत किया और कहा कि इन गद्दार सलाहकारों ने न केवल अपने देश से गद्दारी की है बल्कि वे अमेरिकियों से भी गद्दारी कर रहे हैं क्योंकि उनके ग़लत मशवरे उनकी हार के कारण बन रहे हैं। इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता कहते हैं कि ईरान से दुश्मनी का एक कारण यह है कि इन गद्दारों का मानना है कि इमाम ख़ुमैनी रह. ने उन्हें पश्चिम से दूर कर दिया।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने यूनानी सरकार द्वारा ईरान के ईरानी तेल की चोरी की ओर संकेत किया और कहा कि अभी कुछ दिन पहले यूनान सरकार ने अमेरिकियों के आदेश से ईरानी तेल को चुरा लिया परंतु जब ईरान के बहादुर जवानों ने दुश्मन के आयल टैंकर को ज़ब्त कर लिया तो उन्होंने अपने व्यापक प्रचार में ईरान पर चोरी का आरोप लगाया जबकि ये वे थे जिन्होंने हमारा तेल चुराया था और चोरी का माल वापस लेना चोरी नहीं है।