सुलतानपुर। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा मंत्री गायत्री प्रजापति, महिला आयोग अध्यक्ष ज़रीना उस्मानी तथा अन्य के खिलाफ गोमतीनगर थाने में दर्ज एफआईआर की सीबीआई से विवेचना के लिए दायर याचिका आज ख़ारिज कर दी।

सीओ गोमतीनगर सत्यसेन ने कोर्ट के सामने हलफनामा दे कर बताया कि कोर्ट के आदेशों के क्रम में वे स्वयं हर सप्ताह इस मुकदमे का पर्यवेक्षण कर रहे हैं और उन्होंने विवेचक को मुक़दमा शीघ्र और सही तरीके से निस्तारित करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मामले से जुड़े सभी अभियुक्तों को बयान दर्ज कराने की नोटिस दी गयी है और जल्द ही विवेचना पूरी की जायेगी। जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस डॉ विजयलक्षी की बेंच ने कहा कि इस हलफनामे के मद्देनज़र अभी इस मामले में किसी हस्तक्षेप की जरुरत नहीं है और सीओ गोमतीनगर को शीघ्र सही विवेचना कराने के निर्देश देते हुए याचिका ख़ारिज कर दिया। नूतन ने मंत्री सहित अन्य लोगों पर षडयंत्र के तहत उनके और उनके पति आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ बलात्कार सहित अन्य फर्जी मुक़दमा लिखवाने के सम्बन्ध में मुक़दमा लिखवाने का आरोप लगाया है। अदालत के इस फैसले से मंत्री गायत्री की मुसीबत कम हो गई है।