ज्ञानव्यापी मस्जिद विवाद: सर्वे रिपोर्ट अभी अधूरी, और चाहिए वक्त
टीम इंस्टेंटखबर
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट आज कोर्ट में पेश होना मुश्किल है. असिस्टेंट कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह के मुताबिक हमारी रिपोर्ट 50 प्रतिशत तक तैयार हो गई है. रिपोर्ट पूरी तैयार नहीं है इसलिए आज कोर्ट में प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे. हम कोर्ट में एप्लिकेशन देकर समय की मांग करेंगे. पूरी रिपोर्ट तैयार करने के लिए हम 2-3 दिन का समय और मांगेंगे.
वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद की लड़ाई अब देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंच गई है. आज मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट की अर्जी पर सुनवाई करेगा. अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई है. इसमें कहा गया है कि सर्वे का आदेश 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ है.
ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसपर आज सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट की कामकाज सूची के मुताबिक, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्ह की पीठ याचिका पर दोपहर एक बजे के बाद सुनवाई करेगी.
सोमवार को सर्वे के बाद हिंदू पक्ष के एक वकील ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एक शिवलिंग मिला है. शिवलिंग मिलने के दावे के बाद विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह बिसेन ने कहा कि जिस प्लॉट पर हमारा कब्जा है, वहीं शिवलिंग मिला है. इसलिए अब हम इंतजार नहीं करेंगे और जल्द से जल्द मंदिर निर्माण का काम शुरू करेंगे.
ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे पूरा होने के साथ ही हिंदू पक्ष ने बड़ा दावा किया है कि मंदिर के अंदर कुएं से शिवलिंग मिला है. वहीं मुस्लिम पक्ष का दावा है कि मस्जिद के अंदर से कोई शिवलिंग नहीं मिला है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई 20 मई तक के लिए टाल दी है. जस्टिस पांड्या की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई की. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 20 मई को सुनवाई की अगली तारीख तय की है.
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के तीसरे दिन अंदर शिवलिंग का दावे पर वाराणसी कोर्ट ने उस जगह को सील करने का आदेश दिया. वाराणसी कोर्ट के मुताबिक, हिन्दू पक्ष ने दावा किया है कि 16 मई को मस्जिद परिसर के शिवलिंग पाया गया है. हिन्दू पक्ष ने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है, इसलिए सीआरपीएफ कमाण्डेंट को आदेशित किया जाए कि वहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें.
ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये स्ट्रक्चर शिवलिंग नहीं बल्कि एक फव्वारा है. ओवैसी ने कहा कि हर मस्जिद में फव्वारा होता है. साथ ही उन्होंने कहा कि जगह को सील करने का आदेश 1991 के अधिनियम का उल्लंघन है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का वजू खाना बंद कराए जाने को मुस्लिमों के साथ नाइंसाफी बताया. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की एक साजिश है. बोर्ड के महासचिव खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि ज्ञानवापी, मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी. इसको मंदिर करार देने की कोशिश संवैधानिक अधिकारों और कानून के खिलाफ है.
ज्ञानवापी मस्जिद पर याचिका दिल्ली और बनारस की 5 महिलाओं ने मिलकर अदालत में दाखिल किया था. यह याचिका बनारस की अदालत में 18 अगस्त 2021 को दाखिल की गई थी. इनका कहना है, मस्जिद के परिसर में मौजूद मां शृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, आदि विशेश्वर, नंदीजी और मंदिर परिसर में दिख रही दूसरी देवी देवताओं का दर्शन, पूजा और भोग करने की इजाजत होनी चाहिए. अपनी इसी मांग को लेकर पांचों याचिकाकर्ता महिलाएं चर्चा में हैं.