मुश्किल में आज़म परिवार
टीम इंस्टेंटखबर
समाजवादी पार्टी नेता आजम खान को आज लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया. वह पिछले 28 महीनों से सीतापुर जेल में बंद हैं.
आजम खान को जल निगम घोटाले में सीबीआई कोर्ट में पेशी के लिए भारी सुरक्षा के बीच लखनऊ लाया गया. वहीँ रामपुर में आजम की पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा और बेटा अब्दुल्लाह आजम भी एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होने पहुंचे हैं.
आज जल निगम भर्ती घोटाले में आजम खान की पेशी हुई थी. भर्ती घोटाले में आरोपी बनाए गए आजम खान पर आरोप तय करने के लिए पेशी की गई थी. आजम खान पर आज आरोप तय हो सकते हैं.
गौरतलब है कि आजम खान पर 88 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 87 मामले में उनको जमानत मिल चुकी है. हाल में ही उन्हें 87वें मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली. इस दौरान हाई कोर्ट ने आजम खान पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आजम ने सत्ता के नशे में रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया था, लेकिन उम्र की वजह से जमानत दी जा रही है.
87 मामलों में जमानत पा चुके समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के लिए नया 88वां केस बड़ी मुसीबत बना हुआ है. इसी केस के चलते उनकी रिहाई नहीं हो पा रही है. आजम खान और उनके परिवार के खिलाफ साल 2019 में बड़े पैमाने पर मुकदमे दर्ज हुए थे. उनके खिलाफ 87 मुकदमे विचाराधीन थे, जिनमें सिर्फ एक में जमानत होना बाकी थी. लेकिन इस 88वें केस ने उन्हें फिर से परेशानी में डाल दिया है.
आजम खान पर तीन स्कूलों की फर्जी कागजात से मान्यता लेने के मामले में हाल में ही मुकदमा दर्ज हुआ है. सीतापुर जेल में बंद आजम खान को वारंट तामील करा दिया गया है. इस मुकदमे की वजह से फिलहाल उनकी रिहाई नहीं हो सकेगी. बता दें कि इसी महीने बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप लगाया गया कि आजम खान ने रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का सर्टिफिकेट फर्जी बनवा कर मान्यता प्राप्त की थी. अभी इस मामले में सुनवाई नहीं शुरू हुई है. 19 मई को रामपुर कोर्ट में सुनवाई होनी है.
आजम के खिलाफ वक्फ बोर्ड की जमीन गलत तरीके से अपने पक्ष में कराने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था. अगस्त 2019 में लखनऊ में पत्रकार अल्लामा जमीर नकवी ने यह मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में आखिरी बार पांच मई को सुनवाई हुई थी, तब फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था. हालांकि 10 मई को इस मामले में उनको जमानत मिल गई.
विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ 43 और पत्नी तंजीम फातिमा के खिलाफ 33 मुकदमे विचाराधीन हैं. अदालत ने तीनों को जेल भेज दिया था. अब्दुल्ला 23 माह बाद और तंजीम फातिमा 10 माह बाद जमानत पर छूट सकी थीं.