कैबिनेट मीटिंग में योगी ने मंत्रियों से माँगा सम्पत्तियों का ब्यौरा
टीम इंस्टेंटखबर
लोक भवन में आज हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सीएम योगी ने सभी मंत्रियों से अपनी संपत्ति का ब्योरा देने को कहा. योगी ने सीनियर मंत्रियों को एक-एक मंडल की ज़िम्मेदारी देकर वहां आन द स्पॉट काम की जानकारी लेने के निर्देश भी दिए. इस हिसाब से अब मंत्रियों के सातों दिन काम करना पड़ेगा. मंत्री वीकेंड में फील्ड और बाक़ी दिनों में लखनऊ में रहेंगे.
कैबिनेट में लिए गए फैसले
स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जनप्रतिनिधियों के आचरण की शुचिता अति आवश्यक है. इसी भावना के अनुरूप सभी माननीय मंत्रीगण शपथ लेने के अगले तीन माह की अवधि के भीतर अपने और अपने परिवार के सदस्यों की समस्त चल-अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करें. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करते हुए मंत्रीगणों के लिए निर्धारित आचरण संहिता का पूरी निष्ठा से पालन किया जाए.
सभी लोक सेवक (आईएएस/पीसीएस को अपनी व परिवार के सदस्यों की समस्त चल/अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करें. यह विवरण आमजनता के अवलोकनार्थ ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए.
सभी मंत्रीगण यह सुनिश्चित करें कि शासकीय कार्यों में उनके पारिवारिक सदस्यों का कोई हस्तक्षेप नहीं हो. हमें अपने आचरण से आदर्श प्रस्तुत करना होगा.
मंत्रिपरिषद के समक्ष सभी विभागों के सांगठनिक व्यवस्था से अवगत होते हुए विगत 5 वर्ष में विभाग की उपलब्धियों के परिचय के साथ आगामी 100 दिन, 06 माह, 01 वर्ष, 02 वर्ष और 05 वर्ष की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण संपन्न हो चुका है. अब इस कार्ययोजना को यथार्थ रूप देने का समय है. सभी मंत्रीगण विभागीय अधिकारियों का मार्गदर्शन करें.
सरकार गठन को एक महीना पूरा हो चुका है. हमारी भावी कार्ययोजना तैयार हो चुकी है. अब “सरकार जनता के द्वार” पहुंचेगी. आगामी विधानसभा सत्र से पूर्व मंत्रिपरिषद के प्रदेश भ्रमण का कार्य पूरा कर लेना होगा. इस संबंध में 18 मंत्री समूह गठित किए गए हैं. उपमुख्यमंत्रियों की टीम में एक-एक राज्य मंत्री शामिल हैं, बाकी तीन सदस्यीय मंत्री समूह गठित किए गए हैं. यह 18 ग्रुप 18 मंडलों का भ्रमण करेंगे. भ्रमण का यह कार्यक्रम शुक्रवार से रविवार तक होगा. पहले चरण में प्रदेश भ्रमण करने के बाद मंत्री समूहों को रोटेशन प्रणाली के तहत दूसरे मंडलों की जिम्मेदारी दी जाएगी.
तीन दिवसीय मंडलीय भ्रमण के दौरान हर टीम को एक जनपद में कम से कम 24 घंटे रहना होगा. टीम का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ मंत्री कम से कम दो जिलों का भ्रमण करें. शेष मंत्री गणों को सुविधानुसार एक-एक जिले की जिम्मेदारी दी जाए.
मंत्री समूह मंडलीय भ्रमण के दौरान एक मंडलीय समीक्षा बैठक करेगा. जनपदों को वर्चुअली जोड़ा जा सकता है. इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता जरूर हो. भ्रमण कार्यक्रम के दौरान पूर्व जनप्रतिनिधियों/संगठन/विचार परिवार के सदस्यों के साथ भी बैठक करें. उनकी अपेक्षाओं, समस्याओं और सुझावों को सुनें. निदान का प्रयास करें.
भ्रमण के दौरान जन चौपाल का कार्यक्रम अवश्य करें. सीधा जनता से संवाद करें. किसी एक विकास खंड/तहसील के औचक निरीक्षण करे. दलित/मलिन बस्ती में सहभोज का कार्यक्रम रखें. कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए महिला सुरक्षा के मामलों, एससी/एसटी के प्रकरणों में अभियोजन की स्थिति, पुलिस पेट्रोलिंग, बाल यौन अपराधों, व्यापरियों की समस्याओं, गैंगस्टर पर कार्रवाई आदि का पूरा विवरण देखें.
हर टीम अपनी भ्रमण रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष प्रस्तुत करेगी. मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्री समूह की आकलन रिपोर्ट पर चर्चा होगी. इसके हिसाब से जनहित में और कदम उठाए जाएंगे.
सभी मंत्रीगणों को सोमवार और मंगलवार को अनिवार्य रूप से राजधानी में रहना होगा. शुक्रवार से रविवार तक अपने निर्वाचन क्षेत्र/प्रभार के जिलों में जनता के बीच रहने का कार्यक्रम बनाएं.