रूस-यूक्रेन जंग: दो हिस्से में बंट गयी दुनिया
टीम इंस्टेंटखबर
रूस के राष्ट्रपति विलादीमीर पुतीन की ओर से पूर्वी यूक्रेन में स्थित दोनेस्क और लोहान्सक नामक क्षेत्रों को सरकारी तौर पर आज़ाद क्षेत्रों के रूप में स्वीकार किए जाने के आदेश के बाद दुनिया के विभिन्न देशों की ओर से विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं और अमरीका ने रूस के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की धमकी भी दे दी है।
पूर्वी यूक्रेन में दोबांस का क्षेत्र दोनेस्क और लोहान्स सहित विभिन्न रूसी मूल के निवासियों पर आधारित है और दोनों प्रांतों ने 2014 में यूक्रेन में सरकार परिवर्तन के बाद की एफ़ से अपनी आज़ादी का एलान कर दिया था।
रूस के राष्ट्रपति विलादीमीर पुतीन ने सोमवार की रात रूसी जनता से अपने संबोधन में दोनेस्क और लोहान्सक नामक गणतंत्रों को सरकारी तौर पर स्वीकार किए जाने के एलान किया जिस पर विभिन्न देशों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाएं व्यक्त की जा रही हैं।
राष्ट्रपति पुतीन के इस एलान के बाद दोनेस्क और लोहान्सक में लोगों ने जश्न मनाया और सड़कों पर निकलकर पटाख़े फोड़े। अमरीका और विभिन यूरोपीय अधिकारियों तुरंत रूस की इस कार्यवाही की निंदा करते हुए अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। वाइट हाऊस की प्रवक्ता जेन साकी ने एक बयान में दावा कया कि हमारी नज़र में रूस की यह कार्यवाही कोई अप्रत्याशित नहीं थी और हम इस कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी फ़्रांस और जर्मनी के राष्ट्राध्यक्षों के साथ संपर्क करके रूस की इस कार्रवाई की कड़ शब्दों में निंदा की।
यूक्रेन के राष्ट्रपति विलोदमीर ज़िलेंस्की की अध्यक्षता में यूक्रेन की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल की बैठक भी हुई और यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल के सिक्रेट्ररी एलेक्सी डेनियल ओफ़ ने एलान किया है कि की एफ़, यूक्रेन के नियंत्रण से निकलने वाले क्षेत्रों को दोबारा यूक्रेन में शामिल करना चाहता है।
जर्मनी, ब्रिटेन, फ़्रांस, स्टोनिया, बेल्जियम, फ़िन्लैंड, नार्वे, स्पेन, आयरलैंड, कनाडा, आस्ट्रेलिया, तुर्की, नैटो और संयुक्त राष्ट्र संघ ने वाइट हाऊस की नीतियों से समन्वय होकर रूसी कार्यवाही का विरोध करते हुए दावा किया है कि पूर्वी यूक्रेन में दोनेस्क और लोहान्सक के क्षेत्रों को रूसी राष्ट्रपति पुतीन की ओर से सरकारी तौर पर स्वीकार किए जाने की कार्यवाही अंतर्राष्ट्रीय नियमों के विरुद्ध है।
अलबत्ता इन देशों के मुक़ाबले में निकारागुए, क्रिमिया और अबख़ाज़िया गणतंत्ररों के राष्ट्रपतियों, सीरिया के विदेशमंत्री तथा यमन की सर्वोच्च राष्ट्रीय परिषद के सदस्य मुहम्मद अली अलहूसी ने मास्को के फ़ैसले का समर्थन करते हुए एलान किया कि वह रूसी राष्ट्रपति की ओरसे पूर्वी यूक्रेन में दोनेस्क और लोहान्सक को स्वीकार किए जाने की कार्यवाही का स्वागत करते हैं।
दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र संघ में फ़्रांस के राजदूत निकोला दूरिए ने दावा किया है कि हम अपने यूरोपीय घटकों के साथ मिलकर उन सारे देशों के विरुद्ध प्रतिबंधों की तैयारी कर रहे हैं जिन्होंने इस ग़ैर क़ानूनी काम में भाग लिया है।