सरकार बनते ही 10 दिन में किसानों के सभी कर्ज होंगे माफ़, प्रियंका ने जारी किया ‘‘उन्नति विधान’’
- दलित वर्ग से होगा प्रदेश का गृहमंत्री
- सरकारी नौकरियों में 40 प्रतिशत महिलाओं को मिलेगा आरक्षण
- पूर्व सैनिकों के लिए विधान परिषद में एक सीट होगी आरक्षित
- कोल समुदाय को मिलेगा आदिवासी जनजाति का दर्जा दिया
लखनऊ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस पार्टी ने आज अपना घोषणापत्र ‘‘उन्नति विधान’’ जारी किया। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने इसे जारी किया। उन्नति विधान में आशा-आंगनबाड़ी बहनों को 10,000 रुपये मानदेय, वृद्धा-विधवा को 1,000 रुपये पेंशन, नई सरकारी नौकरियों में 40 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण, आवारा पशुओं से फसल नुक़सान की भरपाई के लिए प्रति एकड़ 3,000 रुपये का मुआवज़ा देने के साथ गोधन न्याय योजना लागू करते हुए 2 रुपये किलो गोबर ख़रीदने का वादा किया गया है। सच लिखने या दिखाने वाले पत्रकारों के खिलाफ दायर मुकदमें खत्म किए जायेंगे। साथ प्रदेश का गृहमंत्री दलित वर्ग से होने और स्कूलों में बेहतहाश फीस वृद्धि पर रोक लगाने का वादा किया गया है।
उन्नति विधान जारी करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव ने बताया कि हमने उत्तर प्रदेश की जनता से चर्चा करके उनके सुझावों को इस घोषणापत्र में शामिल किया। यह घोषणापत्र जनता की आवाज हैं। उत्तर प्रदेश की जनता आज जितनी परेशानियों को झेल रही है वह सब जानते हैं। रोजगार के मुद्दे पर हमने बहुत चर्चाएं की और उनका एक दस्तावेज तैयार हुआ। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के शपथ लेने के तीन घंटे के अंदर किसानों का कर्ज माफ़ किया गया। यह दस्तावेज उत्तर प्रदेश के लोगों की मांगों का स्वीकृति-पत्र है। इसे तैयार करने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश के मंडलों, जिलों और शहरों में सैकड़ों सामाजिक संगठनों और हजारों लोगों से राय ली।
कांग्रेस ने उन्नति विधान में बताया है कि किसानों के सभी कर्ज सरकार बनने के 10 दिन के अंदर माफ होंगे । धान और गेहूं 2,500 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीदे जाएंगे। गन्ना 400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीदा जाएगा। बुंदेलखड जैसे पानी की कमी वाले क्षेत्रों में दालों के उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जाएगा और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए दाल मिलों की स्थापना की जाएगी। राज्य के मलीहाबाद और आम का उत्पादन करने वाले दूसरे क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
आवारा और जंगली पशुओं की वजह से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रति एकड़ 3,000/ रुपये का हर्जाना दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ मॉडल की तर्ज पर गोधन न्याय योजना लागू की जाएगी। इस योजना के तहत गाय के गोबर को 2 रुपये किलो की दर से खरीदा जाएगा।
पानी की कमी वाले क्षेत्रों, विशेषकर बुंदेलखंड में सिंचाई सुनिश्चित करने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। एक विशेष गंगा सफाई और उन्नयन प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।
कानपुर जैसे शहरों से अपशिष्ट जल को सिंचाई के उपयोग के लिए नहरों के नेटवर्क के सहारे बुंदेलखंड जैसे इलाकों तक पहुंचाया जाएगा। दो वर्ष के भीतर गांव के तालाबों सहित जलाशयों का मानचित्रण एवं पंजीकरण किया जाएगा। मैन्युफैक्चरिंग में रोजगार पैदा करने के लिए; चमड़ा, जूता, वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, फर्नीचर, बुनकरी जैसे क्षेत्रों में श्रम आधारित विनिर्माण पर विशेष ध्यान देने के साथ एक नई औद्योगिक नीति की घोषणा की जाएगी।
सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट के तहत गारंटी मुक्त लोन को ठीक तरह लागू किया जाएगा। एक ही जिले के भीतर विभिन्न समूहों को सहायता प्रदान करने के लिए वन प्रोडक्ट वन डिस्ट्रिक्ट पॉलिसी में ढील दी जाएगी। सभी उद्योग जिनके पास 100 से अधिक इकाइयां है, उन्हें एक क्लस्टर घोषित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में आउटसोर्सिंग बंद कर दी जाएगी और अनुबंध (संविदा) रोजगार को युक्तिसंगत बनाया जाएगा। अनुबंध कर्मचारियों को अनुभव और सेवा की अवधि के आधार पर चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाएगा। सफाई कर्मियों को नियमित किया जाएगा और इस क्षेत्र में आउटसोर्सिंग को रोका जाएगा। स्कूलों में मिड-डे मील बनाने वाले रसोइयों को 5,000 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाएगा।
सड़कों और राजमार्ग के रख-रखाव के लिए पर्याप्त धन मुहैया कराया जाएगा। जमुना-आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को चार महत्वपूर्ण स्थानों पर प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा। कांवड़ियों और उर्स यात्रियों द्वारा विशेष उपयोग के लिए मौजूदा राजमार्गों के साथ समानांतर सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें उपयुक्त दूरी पर चिकित्सा सेवाओं और विश्राम करने की सुविधा होगी। बौद्ध शांति सर्किट को विकसित और विस्तारित किया जाएगा जिसमें संकिसा, सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कौशाम्बी और कपिलवस्तु शामिल हैं।
स्लम अपग्रेडेशन को प्राथमिकता दी जाएगी और झुग्गीवासियों को भूमि अधिकार दिए जाएंगे। इंदिरा कैंटीन की स्थापना की जाएगी। ग्राम प्रधान का वेतन बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा। चौकीदारों का वेतन बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा। भूमि अभिलेख कानून को अपडेड करके भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण जाएगा और उपयुक्त सुरक्षा जांच के साथ ई- एक्सेस प्रदान किया जाएगा।
अस्पताल में भर्ती होने वाले हर मरीज के लिए 10 लाख रुपये तक के निःशुल्क उपचार की पेशकश की जाएगी। मौजूदा सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं को दिए जा रहे बजट में 5ः की वृद्धि की जाएगी। उत्तर प्रदेश के सभी 711 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा 2,880 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आईपीएचएस में अपग्रेड किया जाएगा। यूपी के 20,778 उप स्वास्थ्य केंद्रों में से 15,614 में अभी भी (31 मार्च 2020 तक) बिजली कनेक्शन की कमी है। इन सभी का विद्युतीकरण किया जाएगा। संविदा पर कार्यरत चिकित्सको व नर्सों को समयबद्ध तरीके से स्थायी करने का रास्ता तैयार किया जाएगा।
स्कूल फीस पर मौजूदा नियमों को लागू किया जाएगा। स्कूल प्रबंधन समितियों और ग्राम सभा के अनुमोदन से ही स्कूलों को बंद करने की अनुमति दी जाएगी। इंटरनेट कनेक्शन के साथ ब्लॉक स्तर पर सार्वजनिक पुस्तकालय स्थापित किए जाएंगे। सभी स्कूलों को निर्धारित समय के लिए अपने खेल के मैदान स्थानीय बच्चों को उपलब्ध कराने होंगे। उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के दो लाख खाली पदों को भरा जाएगा। एडहॉक शिक्षकों और शिक्षा मित्रों को उनके अनुभव और सेवा को महत्व देते हुए नियमित किया जाएगा। आंगनवाड़ी और स्कूलों में बच्चों को बनाए रखने के लिए मिड-डे मील आवश्यक है। बच्चों को उचित पोषण मिले यह सुनिश्चित करने के लिए मिड-डे मील का ऑडिट किया जाएगा।
यूपी की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसों की लक्षित संख्या को 400 से बढ़ाकर 2030 तक 6,000 किया जाएगा। पश्चिमी यूपी को विश्व स्तरीय शहरी खनन और रीसाइक्लिंग सेंटर्स में तब्दील किया जाएगा।सभी शहरों में ई-रिक्शा के लिए स्टैंड और चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए एक ‘क्लाइमेट बजटिंग’ पेश की जाएगी। जलवायु परिवर्तन प्राधिकरण को फंड उपलब्ध कराने के लिए एक राज्य अनुकूलन कोष की स्थापना की जाएगी।
बाढ़ सहित प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव से पीड़ित गरीब परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए एक जोखिम बीमा योजना की स्थापना की जाएगी। अनुसूचित जाति के छात्रों को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी। अनुसूचित जाति के सरकारी कर्मचारियों को पदोत्रति में आरक्षण दिया जाएगा। राज्य के गृह मंत्री दलित वर्ग से होंगे। कांग्रेस पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि हाथ से मैला उठाने वाले लोग सभी सरकारी पुनर्वास पैकेजों से लाभान्वित हो और उनके बच्चे कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करें ताकि ये अलग-अलग तरह के रोजगार प्राप्त कर सकें। अनुसूचित जाति के खिलाफ हिंसा के मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना देरी के एफआईआर दर्ज की जाए।
यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी ओबीसी उप जातियों को आरक्षण का लाभ मिले, जिसमें सबसे पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) श्रेणी के लिए उप-कोटा भी शामिल होगा। निषाद और मल्लाह समुदायों को, जो लंबे समय से उन क्षेत्रों में बसे हुए हैं, उन्हें नदियों और नदी के किनारों पर अधिकार प्रदान करेंगे। ओबीसी आरक्षित सीटों को शिक्षा, पुलिस और स्वास्थ्य सेवा में समयबद्ध तरीके से भरा जाएगा। पदोन्नति में आरक्षण पर सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करने के लिए सरकार जल्द से जल्द एक ओबीसी सर्वेक्षण करवाएगी।
प्रबंधन और नियुक्तियों से संबंधित मामलों में अल्पसंख्यक संस्थानों की संवैधानिक स्वायत्तता बहाल की जाएगी। दलित और ओबीसी छात्रों की तरह अल्पसंख्यक छात्रों को भी मॉडल स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। निष्पक्षता और समानता स्थापित करने के लिए सरकारी नौकरी में अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व का उचित प्रावधान किया जाएगा।
शासन में बेहतर भागीदारी और प्रतिनिधित्व के लिए हम कारीगरों और बुनकरों के लिए सीट सुरक्षित करने के साथ विधान परिषद का विस्तार करेंगे। पसमांदा मुसलामानों के कल्याण के लिए एक पसमांदा आयोग की स्थापना की जाएगी। अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी। अनुसूचित जनजाति के सरकारी कर्मचारियों को प्रोन्नति में आरक्षण दिया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लघु वनोपज के अधिकार और परंपरागत रूप से कब्जे वाली वन भूमि पर बसावटों की रक्षा की जाए।
कोल समुदाय को आदिवासी जनजाति का दर्जा दिया जाएगा। कम आय वाले दिव्यांग व्यक्तियों को मिलने वाली पेंशन को बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा। ग्राम स्तर के उद्यमियों को दिए जाने वाले सभी नए कॉमन सर्विस सेंटर्स में से 25ः दिव्यांगों के लिए आरक्षित होंगे। अवधी, बृजभाषा, भोजपुरी, बघेली, बुंदेली, कोरवी और खड़ी बोली जैसी पारंपरिक भाषाओं के संरक्षण और विकास के लिए राज्य की ओर से पर्याप्त मदद दी जाएगी। प्रयागराज और वाराणसी में माँ गंगा को समर्पित उत्सव मनाया जाएगा। भगवान परशुराम जयंती पर अवकाश रहेगा। महिला पुलिस कर्मियों को उनके गृह जनपद में पोस्टिंग की अनुमति दी जाएगी साथ ही पूर्व सैनिकों के लिए विधानपरिषद में एक सीट आरक्षित की जाएगी।