बुल्ली बाई, सुल्ली डील्स ऐप बनाने वाले नफरत के सौदागरों को नहीं मिली ज़मानत
टीम इंस्टेंटखबर
बुल्ली बाई और सुल्ली डील्स एप्प बनाने वाले आरोपी नफरत के सौदागरों नीरज बिश्नोई और ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका खारिज हो गई है.
बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले आरोपी नीरज बिश्नोई को स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने असम से गिरफ्तार करके इसकी कस्टडी ली थी, आरोपी के वकीलों की तरफ से जमानत याचिका लगाई गई और पटियाला हाउस कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जमानत याचिका पर सुनवाई की गई.
नीरज बिश्नोई के वकीलों की ओर से दलील दी गई कि आरोपी 20 साल का लड़का है और उस पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है उसने बुल्ली बाई ऐप को किसी महिला की बदनामी के मकसद से नही बनाया था और उसके पास से न ही कोई रिकवरी हुई है और न ही उसकी कस्टडी की आगे जरूरत है वो काफी दिनों से न्यायिक हिरासत में है, लिहाजा उसे जमानत दे दी जाए.
इस पर स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी ने बुल्ली बाई ऐप बनाई थी और उसपर मुस्लिम महिलाओं की फोटो डालकर नीलामी करने की कोशिश की थी, मुस्लिम महिला पत्रकारों और ऐसी मुस्लिम महिलाएं जो सोशल मीडिया पर सक्रिय थीं, उनकी फोटो डालकर जानबूझकर ये साजिश रची गई और जिस ट्विटर एकाउंट से ये फोटो शेयर की गई वो सब आरोपी का ही था लिहाजा केस अभी शुरुआती दौर में है ऐसे में जमानत न दी जाए.
इसके बाद 14 जनवरी को बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले आरोपी नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कैंसिल कर दी और फिलहाल साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के किशनगढ़ वाले सुल्ली डील्स ऐप केस में नीरज बिश्नोई को किशनगढ़ पुलिस ने दो दिन की कस्टडी में लिया है और इसके बाद मुम्बई पुलिस अपने केस में आरोपी की कस्टडी की मांग करेगी.
इसी तरह सुल्ली डील्स बनाने वाले आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर को स्पेशल सेल की टीम ने मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार करके इसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था इस आरोपी के वकील की तरफ से भी पटियाला हाउस कोर्ट में आज 15 जनवरी को जमानत याचिका लगाई गई जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया.
ओंकारेश्वर के वकीलों की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी पर आईपीसी 153A साबित नही होता है, बल्कि पुलिस मीडिया और सोसाइटी के दबाव में काम कर रही है इसपर पुलिस की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी ने सुल्ली डील्स ऐप बनाकर उसमें मुस्लिम महिलाओं की फोटो डालकर एक समुदाय को बदनाम किया और महिलाओं का अपमान किया. सुल्ली डील्स शब्द अपने आप मे महिलाओं के सम्मान के मद्देनजर शर्मनाक शब्द है. केस अभी शुरुआती चरण में है लिहाजा आरोपी बेल पर आकर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है.
अभियोजन पक्ष ने कहा, आरोपी ने इस तरह का ब्राउजर इस्तेमाल किया, जिससे उसकी पहचान न हो सके. सुल्ली डील्स ऐप मामले में कई शिकायतें आई हुई है. इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत की अर्जी को भी रद्द कर दिया.