कोर्ट ने माना, जाट आंदोलन के दौरान हुआ था सामूहिक बलात्कार
एसआईटी को दिए निर्देश, दरिंदों को जल्द से जल्द पकडे
नई दिल्ली: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा-सबूत मौजूद, मुरथल में हुआ था महिलाओं से बलात्कार, एसआईटी जल्द पकड़े आरोपियों कोपुलिस ने इस मामले में 5 कथित दंगाइयों पर रेप का आरोप लगाए थे, लेकिन जब उनका खून महिलाओं के अंडरगारमेंट्स में मिले सीमन से मैच नहीं हुआ तो उन पर से आरोप हटा लिए गए।
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने गुरुवार को माना कि फरवरी 2016 के दौरान जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में महिलाओं से बलात्कार हुए थे। कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयान और घटनास्थल में मिले महिलाओं के अंडरगारमेंट्स इस बात की ओर इशारा करते हैं। हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस की विशेष जांच टुकड़ी से कहा है कि वह जल्द से जल्द दरिंदों की तलाश करे ताकि लोगों में विश्वास पैदा किया जा सके।
टाइम्स अॉफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एक डिविजन बेंच ने खुली अदालत में यह बातें कहीं। कोर्ट ने दो गवाहों, जिनमें एक टैक्सी ड्राइवर भी था, के बयान का हवाला देते हुए कहा कि उसकी टैक्सी से महिलाओं के घसीटते हुए बाहर निकाला गया था, जो इशारा करता है कि वहां रेप हुए थे। हाई कोर्ट ने सोनीपत की निचली में चल रहे इस मामले में आरोप तय करने पर रोक लगा दी है। अखबारों में छपी रिपोर्ट्स के बाद इस मामले पर हाई कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया था।
पुलिस ने इस मामले में 5 कथित दंगाइयों पर रेप का आरोप लगाए थे, लेकिन जब उनका खून महिलाओं के अंडरगारमेंट्स में मिले सीमन से मैच नहीं हुआ तो उन पर से आरोप हटा लिए गए। हाई कोर्ट ने एसआईटी से निचली अदालत में एक एफिडेविट फाइल करने को कहा जिसमें कहा गया था कि रेप के आरोप हटाए नहीं गए हैं और जांच अभी तक जारी है। इससे पहले एक वरिष्ठ अधिवक्ता और एमिक्स क्यूरी अनुपम गुप्ता ने एसआईटी पर गैर प्रोफेशनल रवैया से काम करने का आरोप लगाए थे, इसके बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया था।
अनुपम गुप्ता ने कहा था कि सोनीपत की निचली अदालत ने हाई कोर्ट को नहीं बताया कि 5 आरोपियों पर रेप के आरोप हटा लिए गए हैं। उन्होंने एसआईटी की आलोचना करते हुए कहा था कि वह इस मामले में रक्षात्मक रवैया अपनाकर आरोपियों पर से रेप के आरोप हटाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने हाई कोर्ट से केस को सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया था।
इसके बाद हाई कोर्ट ने सीबीआई के वकील से यह बताने को कहा था कि क्या वह इस मामले की जांच को तैयार है। इस पर वकील ने कहा था कि यूं तो एजेंसी पर बहुत दबाव है, लेकिन वह अदालत के आदेश का पालन करेगी। इस मामले की सुनवाई 28 फरवरी को होगी।