गौरी शंकर प्रियदर्शी बने लखनऊ के डीएम
चुनाव आयोग ने 13 डीएम, नौ एसपी को किया इधर उधर
लखनऊ: विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग ने आखिरकार जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों पर डंडा चला दिया है। राजनीतिक दलों और विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शिकायतों का संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को मुख्य सचिव को लखनऊ समेत 13 जिलाधिकारियों और नौ जिलों के पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को हटाकर उनकी जगह नए अफसरों की तैनाती का निर्देश दिया है।
जिन जिलों के जिलाधिकारी हटाये गए हैं, उनमें लखनऊ, बरेली, अलीगढ़, एटा, अमरोहा, अमेठी, शाहजहांपुर, बाराबंकी, महोबा, हमीरपुर, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर और बस्ती शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ने लखनऊ के डीएम सत्येंद्र सिंह को हटाकर उनकी जगह गौरी शंकर प्रियदर्शी, बरेली के डीएम पंकज यादव के स्थान पर सुरेंद्र सिंह, अलीगढ़ में राजमणि यादव के स्थान पर ह्षिकेश भास्कर यशोद, एटा में शंभू नाथ की जगह विजय किरण आनंद, अमरोहा में वेद प्रकाश की जगह शुभ्रा सक्सेना, अमेठी में चंद्रकांत पांडेय के स्थान पर अदिति सिंह, शाहजहांपुर में राम गणेश यादव की जगह कर्ण सिंह चौहान, बाराबंकी में अजय यादव की जगह डॉ.रोशन जैकब, महोबा में वीरेश्वर सिंह की जगह अजय कुमार सिंह, हमीरपुर में उदयवीर सिंह के स्थान पर राजीव रौतेला, फतेहपुर में वेदपति मिश्रा के स्थान पर सेल्वा कुमारी जे., सिद्धार्थनगर में नरेंद्र शंकर पांडेय की जगह सूर्यपाल गंगवार और बस्ती में नरेंद्र सिंह पटेल को हटाकर प्रभु नारायण सिंह को बतौर जिलाधिकारी तैनात करने का फरमान सुनाया है।
इनके अलावा निर्वाचन आयोग ने जिन जिलों के एसपी/एसएसपी को स्थानांतरित कर उनकी जगह दूसरे अफसरों की तैनाती का निर्देश दिया है उनमें बाराबंकी के एसपी सत्येंद्र कुमार सिंह को हटाकर उनकी जगह वैभव कृष्ण, मुरादाबाद में उमेश कुमार श्रीवास्तव के स्थान पर मनोज तिवारी, रायबरेली में विनय कुमार यादव की जगह अब्दुल हमीद, रामपुर में राजेंद्र प्रसाद पांडेय के स्थान पर केशव कुमार चौधरी, एटा में राजेश कृष्ण की जगह सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, सहारनपुर में भरत सिंह यादव की जगह लव कुमार, हमीरपुर में अनिल कुमार सिंह की जगह अशोक कुमार त्रिपाठी, अमेठी में संतोष कुमार सिंह की जगह अनीस अहमद अंसारी और आजमगढ़ में कुंतल किशोर की जगह सुरेश राव ए.कुलकर्णी की तैनाती का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है कि भाजपा समेत कई राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग से कई जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों की शिकायत की थी कि वे राज्य सरकार के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं। जिलाधिकारी चूंकि जिला निर्वाचन अधिकारी होते हैं, इसलिए उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठने से चुनाव प्रक्रिया के प्रभावित होने का अंदेशा था। चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से उन अफसरों की सूची भी तलब की थी जिन्हें पिछले तीन महीने के दौरान डीएम और एसपी तैनात किया गया था। आयोग को मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने ऐसे आइएएस और आइपीएस अफसरों के सूची भी मुहैया कराई थी जिन्हें जिलों में डीएम व एसपी के पद पर तैनात किया जा सकता है।