हिचकोले खा रही मुलायम के करीबियों की नैया, दल बदल के बाद सुभाष नही हुए पास
सुलतानपुर। साइकिल निशान मिलने से जहां अखिलेश खेमें को संजीवनी मिल गयी है, वही मुलायम गुट के समर्थको को निराशा हाथ लगी है। खासकर स अक्षर के सपाईयों को यह विपदा झेलना पड़ रहा है। इसमें कुछ ऐसे भी है जिनका राजनैतिक कैरियर भी खत्म होने के कगार पर है। हालाकि इन खददरधारियों ने अभी हौसला नही तोड़ा है।
समाजवादी पार्टी में पूर्व मंत्री सुरभि शुक्ला, इनके पति पूर्व मंत्री संदीप शुक्ला, जिला पंचायत अध्यक्ष पति शिवकुमार सिंह, सुभाष त्रिपाठी, शकील अहमद मुलायम और शिवपाल के करीबी माने जाते है। मुलायम सिंह यादव ने संदीप शुक्ला को जयसिंहपुर, सुभाष त्रिपाठी को लम्भुआ और शकील अहमद को इसौली विधानसभा से प्रत्याशी घोषित किया था। इन तीनों सीटों पर मुलायम सिंह यादव ने सिंटंग विधायकों का टिकट काट दिया था। यह सभी अखिलेश यादव के करीबी माने जाते थे। चुनाव आयोग से अखिलेश को साइकिल निशान मिल जाने के बाद मुलायम के करीबियों को धक्का लगा है। इनका चुनाव लड़ना भी खटाई में पड़ता दिखाई पड़ रहा है। हालाकि इन चेहरों पर कोई दाग नही है।
बर्बादी की कगार पर संदीप शुक्ला का कैरियर
संदीप शुक्ला जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद पर तैनात थे। समाज सेवा और खादी पहनने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि इन्होंने नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत ले लिया। इनके त्याग को देखते हुए सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव ने इन्हें राजकीय निर्माण निगम का सलाहकार बना दिया था। इधर जब रार मची तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इनकी पत्नी और इनकी लाल बत्ती वापस ले लिया था। अब जब इनका टिकट भी कटने की कगार पर हुआ तो इनके लिए एक तरफ कुआ और दूसरी तरफ खाई वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
शिवकुमार को भी नही मिल रही जगह
जिला पंचायत अध्यक्ष के पति शिवकुमार सिंह ने शिवपाल यादव के नजदीकियों के चलते काफी प्रचार-प्रसार किया था। इसौली विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए शिवकुमार ने ऐड़ी चोटी का जोर लगाया था। ऐन वक्त पर इन्हे टिकट नही मिला। हालाकि इन्होंने अभी हिम्मत नही हारी है। इसौली विधानसभा से सिटिंग विधायक अबरार अहमद को मुख्यमंत्री ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
किस्मत ने दिया दगा
सपा नेता शकील अहमद आम जन की नजर में गरीबों के मशीहा मानें जाते है। वर्ष 2012 के चुनाव में इसौली से इन्हे प्रत्याशी घोषित किया गया था। कुछ कारणों के चलते इनका टिकट काट दिया गया था। लोकसभा चुनाव में इनके द्वारा भाजपा नेता वरूण गांधी को करारी टक्कर दी गयी थी। मिशन 2017 में मुलायम िंसह यादव ने इन्हे प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन चुनावी बयार में इनकी नैया हिचकोले खा रही है।