लखीमपुर हिंसा कांड: अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों का विधानसभा मार्च
- एसआईटी की रिपोर्ट के बाद टेनी को बरख़ास्त न करना किसानों का अपमान: अजय कुमार लल्लू
- टेनी की बरख़ास्तगी तक चुप नहीं बैठेगी कांग्रेस- आराधना मिश्र मोना
लखनऊ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के पहले आज सुबह कांग्रेस विधायकों ने गृहराज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की बरख़ास्तगी की मांग को लेकर मार्च निकाला। जीपीओ स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा से विधानसभा तक निकले कांग्रेस विधानमंडल दल के मार्च का नेतृत्व कर रहे पार्टी प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि लखीमपुर किसान नरसंहार एक बड़ी साज़िश का नतीजा है। किसानों का शक़ अब और बढ़ गया है कि इस नरसंहार को आशीष मिश्र ने अपने पिता अजय मिश्र टेनी के इशारे पर अंजाम दिया है। गृहराज्यमंत्री टेनी की बरखास्तगी तक कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई एसआईटी जांच की रिपोर्ट कोर्ट के बाद केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की बरख़ास्तगी और नरसंहार में उनकी भूमिका की जांच आवश्यक है। यदि वह भी षड्यंत्र में शामिल हैं तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही कर उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए। उन्होंने लखीमपुर मे एक टीवी पत्रकार के सवाल पर धमकाने और मोबाइल छीनने संबंधी वायरल वीडियो का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस घटना ने अजय मिश्रा टेनी के आपराधिक प्रवृत्ति का खुलासा कर दिया है। केंद्रीय गृहराज्यमंत्री का पत्रकार के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग बताता है कि इस सरकार की नज़र में लोकतंत्र में चौथा खंबा कहे जाने वाले मीडिया की क्या हैसियत है। कांग्रेस पार्टी इसकी निंदा करती है।
गांधी प्रतिमा से विधानसभा तक हुए मार्च में शामिल कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी तक कांग्रेस का आंदोलन जारी रहेगा और 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश के किसान और आम जनता बीजेपी के अहंकारी शासन को सबक सिखायेंगे। विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने कहा कि भाजपा कहती है कि सरकार की सोच ईमानदार है पर एक अपराधी के पिता को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पद पर बनाये हुए है जो कि खुद संदेह के घेरे में है। उनके गृह राज्य मंत्री पद पर रहते निष्पक्ष जांच होने पर सवाल बने रहेंगे। अगर टेनी इस्तीफ़ा नहीं देते तो प्रधानमंत्री मोदी उन्हें बरखास्त करें। ऐसा न करने पर माना जाएगा कि पीएम मोदी किसानों के जले पर नमक छिड़क रहे हैं।
कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में विधायक नरेश सैनी, विधायक मसूद अख़्तर और विधायक सुहैल ख़ान भी शामिल हुए। कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि इस मुद्दे को विधानसभा के अंदर भी मज़बूती से उठाया जाएगा।