पुणे: इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के पुणे में खेले गए पहले मैच में रोमांचक मुकाबला हुआ, लेकिन विराट कोहली और केदार जाधव के शतकीय प्रहारों से टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 3 विकेट से हरा दिया. इंग्लैंड की ओर से भारत के खिलाफ रखे गए अब तक के सबसे बड़े स्कोर 351 रन के जवाब में टीम इंडिया ने 7 विकेट पर 356 रन बनाए. टीम इंडिया की ओर से विराट कोहली 105 गेंदों में 122 रन, तो केदार जाधव ने 76 गेंदों में 120 रनों की आतिशी पारी खेली. इंग्लैंड की ओर से जेक बॉल तीन विकेट, जबकि बेन स्टोक्स और डेविड विली ने दो-दो विकेट लिए.

विराट कोहली ने अपनी पारी में 8 चौके और 5 छक्के लगाए. विराट ने 93 गेंदों में छक्के के साथ करियर का 27वां शतक पूरा किया. केदार जाधव ने 65 गेंदों में करियर का दूसरा शतक ठोका. दोनों के बीच पांचवें विकेट के लिए 200 रनों की साझेदारी हुई. हार्दिक पांड्या का भी अहम योगदान रहा, जिन्होंने 37 गेंदों में 40 रनों की नाबाद पारी खेली.
टॉस हारने के बाद इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 7 विकेट पर 350 रन बनाए थे. विराट कोहली ने वनडे के कप्तान के रूप में भारतीय क्रिकेट में नए अध्याय की शुरुआत की और टॉस जीतकर इंग्लैंड को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया जिसने अपनी पारी अच्छी तरह से आगे बढ़ाई। राय ने शुरू में आक्रामक तेवर अपनाए। उन्होंने 61 गेंद की अपनी पारी में 12 चौके लगाए जबकि रूट ने पारी का अच्छी तरह से संवारा। रूट ने 95 गेंदें खेली तथा चार चौके और एक छक्का लगाया।

कप्तान इयोन मोर्गन (28) और जोस बटलर (31) ने भी अच्छी शुरुआत की लेकिन वे उसे बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए। आखिर में बाएं हाथ के बल्लेबाज स्टोक्स ने डेथ ओवरों में धुआंधार बल्लेबाजी का नजारा पेश किया। उन्होंने 40 गेंद की अपनी पारी में दो चौके और पांच छक्के लगाये। स्टोक्स ने 33 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया जो इंग्लैंड की तरफ से भारत के खिलाफ नया रिकार्ड है। जहां तक इंग्लैंड का भारत के खिलाफ इससे पहले सवोर्च्च स्कोर का सवाल है तो इससे पहले वह आठ विकेट पर 338 रन था जो उसने विश्व कप 2011 में बेंगलुरू में बनाया था।

भारतीय गेंदबाज डेथ ओवरों में रनों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे। आखिरी दस ओवरों में 115 रन बने। इनमें से 105 रन अंतिम आठ ओवरों में बने। भारत की तरफ से हार्दिक पंडया ने 46 रन देकर दो और जसप्रीत बुमराह 79 रन देकर दो विकेट लिए। बाएं हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा ही कुछ प्रभाव छोड़ पाए। उन्होंने 50 रन देकर एक विकेट लिया।

टेस्ट मैचों में अपना जलवा बिखेरने वाले आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने आठ ओवरों में 63 रन दिये और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। तेज गेंदबाज उमेश यादव ने 63 रन लुटाए और एक विकेट लिया। इंग्लैंड ने अच्छी शुरुआत की। भारत में पहली बार किसी द्विपक्षीय सीरीज में उपयोग की जा रही निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का सहारा तीसरे ओवर में ही राय ने लिया जिन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दिया गया था। रेफरल से उन्हें जीवनदान मिला जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया।

हेल्स जब प्रवाह में आने की कोशिश कर रहे थे तब बुमराह का नान स्ट्राइकर छोर पर डीप से फेंका गया थ्रो विकेट पर लग गया और वह रन आउट हो गये। अभ्यास मैचों में नहीं खेलने वाले रूट उनका स्थान लेने के लिये क्रीज पर उतरे जबकि राय ने दस चौकों की मदद से 36 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया।

तेज गेंदबाजों के प्रभाव नहीं छोड़ पाने के कारण कोहली ने जडेजा को गेंद सौंपी जिन्होंने रन गति पर कुछ अंकुश लगाया। अश्विन को 13वें ओवर के बाद गेंद सौंपी गयी। वह राय का विकेट ले लेते लेकिन थर्ड मैन पर उमेश ने कैच छोड़ दिया।

भारत को हालांकि यह महंगा नहीं पड़ा और जडेजा ने अगले ओवर में उन्हें महेंद्र सिंह धोनी के हाथों स्टंप आउट करा दिया। राय और रूट ने दूसरे विकेट के लिए 69 रन जोड़े। मोर्गन ने अश्विन पर छक्का जड़कर अपने तेवर दिखाये लेकिन डीआरएस ने उनका साथ नहीं दिया। मैदानी अंपायर ने मोर्गन को नाबाद दिया था लेकिन पंडया की गेंद पर कैच लेने वाले धोनी ने डीआरएस लेने के संकेत दिये और उनका फैसला सही साबित हुआ। अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा।

जडेजा ने अपने पहले पांच ओवर में 19 रन दिये थे लेकिन इसके बाद रूट और बटलर दोनों ने उन पर छक्के लगाये। इन दोनों के बीच चौथे विकेट के लिये 63 रन की साझेदारी पंडया ने तोड़ी जिन्होंने बटलर को मिड आफ पर शिखर धवन के हाथों केच कराया। बुमराह ने रूट को धीमी गेंद पर आउट करके भारत को कुछ राहत दिलायी लेकिन स्टोक्स के सामने उनकी एक नहीं चली। स्टोक्स ने बुमराह पर छक्का जड़कर अपना अर्धशतक पूरा किया।

स्टोक्स 48वें ओवर की पहली गेंद पर आउट हो गए। मोईन अली ने 28 रन बनाये जबकि क्रिस वोक्स और डेविड विली ने स्कोर 350 रन तक पहुंचाया।