कानपूर में ज़ीका वायरस का प्रकोप, 14 नए मरीज़ मिले
टीम इंस्टेंटखबर
यूपी में कोरोना महामारी का प्रकोप भले ही सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ख़त्म हो गया हो मगर मच्छरजनित बीमारियों का शिकंजा मज़बूत होता जा रहा है. डेंगू, चिकनगुनिया के बाद अब खतरनाक ज़ीका वायरस ने चिंता बढ़ा दी है. आद्योगिक नगरी कानपुर में जीका वायरस के एक साथ 14 मरीज सामने आये हैं, इन मरीजों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है. शहर में अब जीका से संक्रमित 25 मरीज हो चुके हैं. इतने मरीज़ मिलने से प्रशासन के हाथ पैर फूल गए हैं.
इससे पहले 1 नवंबर को यहां 6 केस मिले थे. कानपुर के चकेरी क्षेत्र में ये मामले सामने आए थे. इन 6 मरीजों में से चार महिलाएं जीका का शिकार हुई हैं.
जीका एक मच्छर से फैलने वाला वायरस है जो एडीज एजिप्टी नाम की प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है. WHO के मुताबिक, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन में काटते हैं. ये वही मच्छर है जो डेंगू, चिकनगुनिया फैलाता है. हालांकि, ज्यादातर लोगों के लिए जीका वायरस का संक्रमण कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन ये प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खासतौर से भ्रूण के लिए खतरनाक हो सकता है.
जीका वायरस के कई लक्ष्ण डेंगू जैसे ही रहते हैं, लेकिन ये ज्यादा घातक और जानलेवा साबित होता है. बुखार आना, शरीर पर चकत्ते पड़ना और जोड़ों में दर्द कुछ कॉमन लक्षण हैं जो जीका वायरस से संक्रमित इंसान में देखे जा सकते हैं.
1947 में जीका वायरस की पहचान सबसे पहले युगांडा में बंदरों में की गई थी. बाद में यह युगांडा और तंजानिया में इंसानों में पाया गया. इसके बाद ये अफ्रीका, अमेरिका, एशिया में भी देखने को मिला. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अब तक 86 देशों में मच्छरों से फैलने वाले जीका वायरस के मामलों की पुष्टि हो चुकी है.