सुलतानपुर। समाजवादी पार्टी में सुप्रीमों मुलायम ंिसंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच चल रही रार से मतदाता भी बेचैन है। वोटर अब दूसरी पार्टियों की तरफ आस लगाए बैठे है। हालाकि जिले में अखिलेश गुट का दबदबा कायम है। पखवारे भर से चल रही समाजवादी पार्टी की कलह का असर अब मतदाताओं पर भी देखा जा सकता है। हर विधानसभा से अखिलेश और मुलायम गुट के प्रत्याशी घोषित हो जाने से और भी भ्रम पैदा हो रहा है। मतदाता यह सोच रहा है कि कौन असली सपाई है और वोट किसे किया जाए। आम लोग यह भी कहने से गुरेज नही कर रहे कि इसका फायदा दूसरी पार्टियों को मिल सकता है।

मुलायम के समर्थकों की हुई कमी

प्रदेश में चल रही सपा की रार से जिले में भी सपाई दो फाड़ में बटे हुए है। अखिलेश के समर्थन में तो जिले की इकाई है, लेकिन मुलायम के समर्थन में पूर्व मंत्री सुरभि शुक्ला, उनके पति संदीप शुक्ला और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी शकील अहमद ही दिखाई पड़ रहे है।

इसौली विधानसभा में मची भगदड़

इसौली विधानसभा में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने वालों की लम्बी लिस्ट थी। अखिलेश यादव ने विधायक अबरार अहमद को प्रत्याशी घोषित किया था। मुलायम सिंह यादव ने पूर्व लोकसभा प्रत्याशी शकील अहमद को चुनाव मैदान में उतार दिया था। टिकट न पाने वाले कुछ प्रत्याशियों ने निर्दल के तौर पर चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। दावा किया जा रहा है कि यदि ऐसा हुआ तो इसौली की सीट दूसरी पार्टी में चली जाऐगी।

जिलाध्यक्ष ने भी अखिलेश पर जताई आस्था

जिलाध्यक्ष प्रोे. रामसहाय यादव और महासचिव मो. अहमद ने भी अखिलेश यादव के प्रति आस्था जताई है। उन्होंने बताया कि उनका समर्थन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ है। उन्होंने माना कि रार की वजह से सपाई दो खेमे में है। मुलायम सिंह यादव का पक्ष रखने वाले समर्थकांे की संख्या नगण्य है।